दिल्ली

निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट से भी दोषी पवन की याचिका हुई खारिज, फांसी की सजा बरकरार

Sujeet Kumar Gupta
20 Jan 2020 8:58 AM GMT
निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट से भी दोषी पवन की याचिका हुई खारिज, फांसी की सजा बरकरार
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नई दिल्ली। . निचली अदालत, दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया के दुष्कर्मी पवन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने वारदात के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई की। तीन सदस्यीय बेंच ने पवन के वकील एपी सिंह से सवाल किया कि पुनर्विचार याचिका में भी आपने यही मामला उठाया था, अब इसमें नई जानकारी क्या है और क्या यह विचार करने योग्य है? एपी सिंह ने दलील दी कि पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर छिपाई। हाईकोर्ट ने भी गलत ढंग से पवन की याचिका खारिज की और तथ्यों को नजरंदाज किया।

सुप्रीम कोर्ट के सवाल, पवन के वकील के जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने एपी सिंह से सवाल किया- पुनर्विचार याचिका में भी दोषी ने यही बात उठाई थी। अब आपके पास इसमें क्या नई जानकारी है। क्या यह अब विचार करने योग्य है?

एपी सिंह ने कहा- इस मामले में बहुत बड़ी साजिश है। दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है। वारदात के वक्त पवन की उम्र 17 साल, 1 महीने और 20 दिन थी। ऐसे में वारदात में उसकी भूमिका नाबालिग के तौर पर देखी जाए। दोषी पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी वारदात के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। लेकिन, हाईकोर्ट ने तथ्यों को नजरंदाज कर दिया।

पवन ने याचिका में कहा- न्याय प्रक्रिया में चूक मुझे फांसी के फंदे तक पहुंचा देगी

पवन ने याचिका में कहा है कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ हुई हैवानियत के वक्त वह नाबालिग था। हाईकोर्ट ने दलीलों और सबूत को अनदेखा कर फैसला दिया, लिहाजा इंसाफ किया जाए, क्योंकि न्याय प्रक्रिया में थोड़ी सी भी चूक उसे फांसी के फंदे तक पहुंचा देगी। पवन ने निचली अदालत में भी यही बात कही थी। यहां भी उसकी याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद वह हाईकोर्ट पहुंच गया था। यहां निराशा हाथ लगी तो अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पवन ने याचिका में कहा गया है कि जांच अधिकारियों ने उम्र का निर्धारण करने के लिए उसकी हड्डियों की जांच नहीं की थी। उसने अपने मामले को जुवेनाइल एक्ट की धारा 7 (1) के तहत चलाए जाने की अपील की है।

1 फरवरी को फांसी

हाई कोर्ट ने पवन की इस याचिका को खारिज कर दिया था और उसके वकील एपी सिंह पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था। उधर, दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को ही निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वॉरंट जारी कर दिया। इसके तहत चारों दोषियों-मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। चारों को पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी।

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