दिल्ली

निर्भया केस : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की गुनहगार पवन की क्यूरेटिव पिटीशन, कल होनी है फांसी

Arun Mishra
2 March 2020 11:41 AM IST
निर्भया केस : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की गुनहगार पवन की क्यूरेटिव पिटीशन, कल होनी है फांसी
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नई दिल्‍ली : निर्भया केस में गुनहगार पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। जिसके बाद निर्भया केस में चारों गुनहगारों की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। अब पवन के पास कोई कानूनी विकल्‍प नहीं बचा है और उसके पास सिर्फ दया याचिका का ही विकल्प बचा है। हालांकि अक्षय की तरफ से दोबारा दया याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही पटियाला हाउस कोई निर्भया के गुनहगारों को होने वाली फांसी की याचिका पर भी आज फैसला सुनाएगा।

बता दें कि निर्भया मामले में सभी दोषियों को कल फांसी होनी है। पवन गुप्ता के पास अभी भी राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प खुला हुआ है। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

निर्भया केस में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बंद कमरे में सुनवाई की। इस याचिका की सुनवाई पांच जचों की पीठ ने करते हुए सिर्फ 2 से 3 मिनट के अंदर ही इसके खारिज कर दिया। जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण इस बैंच में शामिल थे। इस पीठ ने जस्टिस रमण के चैंबर में सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई की।

आपको बता दें कि पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। पवन ने वकील एपी सिंह के जरिए सुधारात्मक याचिका दाखिल कर मामले में अपीलों और पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया गया था। दोषी पवन और एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने भी दिल्ली की निचली अदालत का रुख कर डेथ वारंट की तामील पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। जबकि निचली अदालत ने याचिकाओं पर तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर अधिकारियों को सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं अक्षय ने दावा किया है कि उसने राष्ट्रपति के समक्ष नई दया याचिका दाखिल की है जो कि लंबित है, जबकि पवन ने कहा था कि उसने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुधारात्मक याचिका दाखिल की है।

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