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निर्भया केस: दो बार टल चुकी है फांसी, दोषियों को हाईकोर्ट आज सुनाएगा ये अहम फैसला
'निर्भया' के गुनहगारों को फांसी की सजा कब होगी, पूरा देश ये जानना चाह रहा है निर्भया दुष्कर्म मामले में दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। बता दें कि मामले में केंद्र ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने रविवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जानकारी का मुताबिक बुधवार को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। बुधवार को यह भी तय किया जाएगा कि दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए या नहीं।
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है. जिन दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं, उन्हें फांसी पर लटकाया जा सकता है. बता दें कि दोषी खुद को बचाने के लिए अलग-अलग दया याचिका राष्ट्रपति के पास दायर कर रहे हैं. लीगल रेमिडीज़ के नाम पर देरी कर रहे हैं. ये केवल डिले टैक्टिक्स है और कुछ नहीं.
मामले की सुनवाई के दौरान दो फरवरी को केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से ये भी कहा था कि निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं. वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह और दोषी मुकेश की वकील रेबेका जॉन ने केंद्र सरकार की याचिका पर ऐतराज जताया था. रेबेका जॉन ने कहा था कि दोषी मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने देरी के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर खारिज की है. वहीं मंगलवार को निर्भया की मां आशा देवी ने भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मेंशनिंग कर ये मांग उठाई थी कि फैसला जल्द सुनाया जा सकता है।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से दो बार डेथ वारंट जारी होने के बाद भी चारों दोषियों की फांसी दो बार (21 जनवरी और 1 फरवरी) टल चुकी है. दोषियों के वकील एपी सिंह के सुझाए कानूनी दांव-पेंच की वजह से दोनों बार उनकी फांसी की सजा टल चुकी है.
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिक स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी. दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे. इस दौरान वो वहां से गुजर रहे एक प्राइवेट बस में सवार हो गए. इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था. इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था. बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था. यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम 'निर्भया' दिया गया था.