दिल्ली

निर्भया केस: दोषी मुकेश की फांसी होनी तय, तो अक्षय ने बचने के लिए किया ये काम

Sujeet Kumar Gupta
29 Jan 2020 5:27 AM GMT
निर्भया केस: दोषी मुकेश की फांसी होनी तय, तो अक्षय ने बचने के लिए किया ये काम
x

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले में मौत की सजा पाए चार दरिंदों में से एक मुकेश कुमार सिंह की फांसी अब तय है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका पर कोई भी समीक्षा करने, या कोई भी विचार करने से मना कर दिया है। वही एक दोषी अक्षय ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है।

वहीं, केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि यह याचिका स्वीकार करने लायक नहीं है। राष्ट्रपति द्वारा दोषी को माफी देने के अधिकार की समीक्षा का कोर्ट के पास सीमित अधिकार है। कोर्ट ने मुकेश और सरकार की दलीलें सुनकर बुधवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें राष्ट्रपति के फैसले में दखल देने की जरूरत है। इस तरह से अब निर्भया के एक दोषी मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं और अब उसकी फांसी होना तय है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति के फैसले में कोई जल्दबाजी नजर नहीं आती। उन्होंने सभी दस्तावेज देखकर ही फैसला दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जेल में मुकेश के साथ खराब व्यवहार हुआ यह उसकी दया का आधार नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि दया याचिका पर शीघ्र कार्रवाई करने का मतलब ये नहीं है कि अच्छे से फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि मुकेश की वकील ने कहा था दया याचिका को जल्द खारिज करने की वजह से उस पर ठीक से गौर नहीं किया गया है। इसके साथ ही मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं।

बतादें कि फांसी की तारीख से एक दिन पहले 31 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक निर्भया को कोई भी दोषी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका भेजता है तो उनकी फांसी टल जाएगी, लेकिन निर्धारित समय के बाद जेल प्रशासन के पास याचिका भेजी जाती है तो उसे राष्ट्रपति को नहीं भेजा जाएगा। इस स्थिति में 1 फरवरी को दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा।

अदालत में जब तक दोषियों को लेकर कोई भी मामला लंबित है तो उन्हें फांसी नहीं दी जा सकती है। दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि तीन दोषियों के पास अभी दया याचिका और दो के पास सुधारात्मक याचिका का विकल्प बचा है।

Tags
Sujeet Kumar Gupta

Sujeet Kumar Gupta

    Next Story