दिल्ली

जानिए निर्भया केस को लेकर आज पटियाला कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में क्या होनी है सुनवाई

Sujeet Kumar Gupta
5 March 2020 5:05 AM GMT
जानिए निर्भया केस को लेकर आज पटियाला कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में क्या होनी है सुनवाई
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नए डेथ वारंट पर पटियाला कोर्ट में तो दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी या एक साथ, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होगी।

निर्भया के दोषियों को लेकर आज दो कोर्ट में दो अहम सुनवाई होनी है जिसमें फांसी देने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है. नया डेथ वॉरंट जारी करने के संबंध में आज दोपहर दो बजे का समय तय किया गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर भी आज सुनवाई होगी।

नए डेथ वारंट पर पटियाला कोर्ट में सुनवाई

निर्भया के दरिंदों में से एक पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को खारिज कर दी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसी के साथ चारों दरिंदों पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं।

इस केस में दोषी पवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका लगाई थी. पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद नए डेथ वॉरंट के लिए दिल्ली सरकार पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची. कोर्ट ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है. इस मामले में गुरूवार को दोपहर दो बजे सुनवाई होगी ये चौथी बार होगा जब निर्भया केस में नया डेथ वॉरंट जारी किया जाएगा. निर्भया केस में तीन बार दोषियों की फांसी टल चुकी है।

दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी या एक साथ, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई

दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार की उस याचिका पर फैसला आना है जिसमें सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अपील की गई है। दरअसल ये याचिका तब डाली गई थी जब सभी दोषियों ने अपने सारे कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं किए थे। तब अदालत से यह अनुरोध किया गया था कि उन दोषियों को पहले फांसी दे दी जाए, जिनके सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं।

बतादें कि दिल्ली दुष्कर्म कांड यानी निर्भया कांड के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की इजाजत मांगने वाली केंद्र सरकार की याचिका को 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पांच मार्च तक टाल दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस याचिका के लंबित रहने का निचली अदालत से दोषियों की फांसी का डेथ वारंट जारी होने पर असर नहीं पड़ेगा। और इसके बाद निचली अदालत ने चारो दोषियों को फांसी देने के लिए तीन मार्च सुबह छह बजे का वक्त तय किया था।

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि चारो दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी। दोषियों को अलग अलग फांसी नहीं दी जा सकती।

बतादें कि16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में पैरा मेडिकल की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छात्रा के साथ इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इन मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

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