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निर्भया गैंगरेप: फांसी में सस्पेंस तो अक्षय बोला- वह तभी आएगी जब हम बुलाऐंगे
नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चार दोषियों में से किसी ने अभी तक तिहाड़ जेल अधिकारियों को सूचित नहीं किया है कि वे अपने परिवार से अंतिम बार कब मिलना चाहेंगे जेल अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चारों में से किसी पर भी अभी परिजनों से मिलने पर रोक नहीं है।
हालांकि दिल्ली सरकार के बाद अब दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी है. अब उसकी मर्सी पिटीशन गृह मंत्रालय जाएगा और वहां से उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. मुकेश की दया याचिका पर अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ही अंतिम फैसला लेंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह अपनी पत्नी से फोन पर बात करता है लेकिन वह नवंबर, 2019 के बाद उससे मिलने नहीं आई है। कारण पूछने पर अक्षय ने जेल अधिकारियों को बताया कि वह तभी आएगी जब वह बुलाएगा। चोरों दोषियों को22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जानी है।
जेल अधिकारी ने बताया, 'प्रत्येक कोठरी के पास चौबीसों घंटे तीन-चार गार्ड होते हैं और वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। कोठरी में कोई पंखा नहीं है। उन्हें अकेले रखा गया है, उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं है। हम उन्हें आपस में भी बात करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि कोठरी के बाहर खुली जगह है जहां वह टहल सकते हैं, व्यायाम या योग कर सकते हैं। डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक लगातार चारों से बात कर रहे हैं ताकि उनका दिमाग सही रहे। सत्र अदालत द्वारा सात जनवरी को मौत का वारंट जारी होने के बाद से चारों को अलग-अलग कोठरियों में रखा गया है।
बता दें कि दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। दरअसल, बस ड्राइवर राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और अक्षय सिंह ठाकुर ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया फिर शारीरिक प्रताड़ना के चलते उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद आम जनता की भारी नाराजगी के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने निर्भया का मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का आदेश दिया था।
इसके बाद निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर और पवन कुमार गुप्ता को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, वहीं राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली, जबकि नाबालिग अपनी सजा पूरी कर चुका है।