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निर्भया के दोषियों को फांसी लगना तय,क्यूरेटिव पिटिशन खारिज, अब बचने के लिए अपना सकते है ये हथकंडा
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी विनय शर्मा और मुकेश द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पिटिशन (समीक्षा याचिका) की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने पूरी कर ली है। अदालत ने इनकी याचिका को खारिज कर दिया है।हालांकि अभी उनके पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का विकल्प बचा हुआ है.
न्यायमूर्ति एन वी रमणा, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ विनय शर्मा और मुकेश की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर आज पौन दो बजे सुनवाई शुरू की। इसके लिए उन्होंने पांच मिनट का समय तय किया था। जस्टिस रमना के चेंबर में यह सुनवाई पूरी हुई है।
क्यूरेटिव पिटीशन में दोषी विनय शर्मा ने कहा था कि अकेले याचिकाकर्ता को दंडित नहीं किया जा रहा है, बल्कि आपराधिक कार्यवाही के कारण उसका पूरा परिवार अत्यंत पीड़ित हुआ. परिवार की कोई गलती नहीं, फिर भी उसे सामाजिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा है. वहीं, वकील एपी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता के माता-पिता वृद्ध और अत्यंत गरीब हैं. इस मामले में उनका भारी संसाधन बर्बाद हो गया और अब उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है.
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों का डेश वारंट जारी किया था. कोर्ट ने इस मामले में चार दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का समय तय किया है. बीते दिनों तिहाड़ जेल में डमी ट्रायल भी हुआ. दोषियों को उत्तर प्रदेश का पवन जल्लाद फांसी के फंदे पर लटकाएगा.
16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ बेहरमी से गैंगरेप किया गया था. इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी. इसके बाद सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों में से एक नाबालिग था, जोकि एक किशोर (जुवेनाइल) अदालत के सामने पेश किया गया. वहीं एक अन्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.