दिल्ली

निर्भया की वकील आज पटियाला कोर्ट में दायर की नई याचिका, दोषी पवन ने एक काम कर दिया तो फिर फांसी में फंसेगा पेंच

Sujeet Kumar Gupta
4 March 2020 9:38 AM GMT
निर्भया की वकील आज पटियाला कोर्ट में दायर की नई याचिका, दोषी पवन ने एक काम कर दिया तो फिर फांसी में फंसेगा पेंच
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सीमा कुशवाहा निर्भया के माता-पिता की वकील का कहना है कि हम आज पटियाला कोर्ट में एक नई याचिका दायर कि है की फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए। अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।

निर्भया के दोषी पवन की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं और उनका फांसी पर चढ़ना तय है। पवन की दया याचिका खारिज होने और दोषियों के पास कोई विकल्प न बचने के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट में नए डेथ वारंट की अपील करेगा।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक, दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन को 14 दिन का नोटिस मिलेगा. इससे साफ है कि 14 दिन के बाद ही दोषियों को फांसी मिल सकती है। हालांकि, अभी भी पवन अपनी दया याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है. जैसा बाकी दोषियों ने किया था. फिलहाल, पवन के पास भी कानून विकल्प बचे थे, जो खत्म हो चुके हैं।

सूत्र कह रहे हैं कि मार्च में ही दोषियों को फांसी हो जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अगर जज नया डेथ वारंट जारी करते हैं तो वह 14 दिन बाद का देते हैं। अगर वह हाल की किसी तारीख में डेथ वारंट जारी करते हैं तो 14 दिन का समय मार्च में ही आएगा। ऐसे में दोषियों को फांसी मार्च में ही होना तय है।

वही सीमा कुशवाहा निर्भया के माता-पिता की वकील का कहना है कि हम आज पटियाला कोर्ट में एक नई याचिका दायर कि है की फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए। अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।अब चारों दोषी अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके हैं।

बता दें कि बीते सोमवार(2 मार्च) को अदालत ने पवन गुप्ता की दया याचिका लंबित होने के चलते तीसरी बार निर्भया के गुनहगारों की फांसी टाल दी थी। उस वक्त फांसी उनके मौत के बीच करीब 12 घंटे बचे थे। दोषियों को 3 मार्च सुबह छह बजे फांसी होनी थी लेकिन पवन की दया याचिका लंबित होने के चलते अदालत ने फांसी टाल दी।

गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात फिथिजियोरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और लगभग 15 दिन बाद मौत हो गई थी। बाद में निर्भया नाम दिया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद कथित रूप से तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, किशोर को तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।


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