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आप विधायक अमानतउल्लाह किसकी दम पर कर रहे है ताहिर हुसैन का बचाव!
दिल्ली दंगों ने हमारी खुबसूरत दिल्ली को जला दिया. जहाँ कई घरों की चिराग बुझ गए वहीं हजारो करोड़ की संपत्ति भी जलकर राख हो गई. इस दंगा में जहाँ पचास से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा बैठे वहीं दो पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए.
इस दंगा के मुख्य आरोपी आप के निगम पार्षद ताहिर हुसैन माने गए जिनके घर पर दंगा से संबंधित सामान छत पर मिला जिसे मीडिया ने खूब जमकर दिखाया और देखते ही देखते ताहिर हुसैन इस दंगा की मुख्य भूमिका में नजर आये. फिर क्या था ताहिर हुसैन से तत्काल आम आदमी पार्टी ने अपने संबंध तोड़ लिए. पार्टी से उन्हें निष्काषित कर दिया गया. उसके बाद ताहिर हुसैन सभी चैनलों पर अपने बेगुनाही के सबूत देते रहे लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के परिजनों के कहने पर रिपोर्ट दर्ज कर ली.
अंकित शर्मा के परिजनों ने ताहिर हुसैन पर सीधा सीधा हत्या करने के आरोप लगाया. एक दिन बाद यह बात जोर पकड़ने लगी कि आखिर अंकित शर्मा का हत्यारा टीवी चैनलों पर बैठकर ज्ञान दे रहा है पुलिस उसे गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है और ताहिर हुसैन गायब हो गये. फिर यकायक ताहिर हुसैन ने कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया. फिर ताहिर ने कोर्ट में सरेंडर करने की बात की तो सरेंडर के लिए जाते समय रास्ते में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिये. पुलिस ने उनका रिमांड लिया और उनके तीन परिजन और गिरफ्तार किये गये जो इस दंगा में शामिल थे उसके बाद अंकित शर्मा का हत्यारा सलमान भी गिरफ्तार कर लिया गया. उसने पुलिस को बताया की अंकित शर्मा का धर्म हिंदू जानकर उसे बुरी तरह चाकुओं से गोदकर निर्मम तरीके से मार दिया.
अब इधर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने लगातार एक बात कही कि इस दंगा का दोषी जो भी हो उसे सजा दी जाय. और अगर वो आरोपी आम आदमी पार्टी का सदस्य है तो उसे दोगुनी सजा दी जाय. लेकिन एक सवाल बार बार उठता है कि जब दंगा करने के आरोप में पार्टी ने आप पार्षद ताहिर हुसैन को पार्टी से निकाल दिया है तो उनकी पार्टी के विधायक अमानत उल्लाह उसकी मदद कायो कर रहे है. इसका जबाब कौन देगा?
आप विधायक अब तक दो बार खुद अपना विरोध ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी पर दर्ज कार चुके है और कह रहे है कि ताहिर हुसैन निर्दोष है. आप विधायक अमानत उल्लाह किसकी दम पर यह बयान दे रहे है. पार्टी के विधायक को पार्टी से निकाले गये व्यक्ति से हमदर्दी क्यों? पार्टी अमानतउल्लाह से भयभीत क्यों है जो उनको अब तक कोई बात करने से रोक नहीं पा रही है या रोकना नहीं चाहती है. ताहिर आरोपी है या नहीं यह तो अभी जांच का विषय है लेकिन आप विधायक अभी क्लीन चिट कैसे देसकते है.
आप विधायक ने सबसे पहले कहा कि आज ताहिर हुसैन सिर्फ़ इस बात की सज़ा काट रहा है की वो एक मुस्लिम है. शायद आज हिंदुस्तान में सबसे बड़ा गुनाह मुस्लिम होना है ये भी हो सकता है आने वाले वक्त में ये साबित करदिया जाए कि दिल्ली की हिंसा ताहिर हुसैन ने कराई है.
इसके बाद फिर बोले पूरा देश जनता है कि ताहिर हुसैन बेक़ुसूर है. बीजेपी उसको फसा रही है. अगर बीजेपी में हिम्मत है तो ताहिर हुसैन ,कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा ,अमित शाह और अमूल्य पटनायक का नार्को टेस्ट पब्लिक के सामने कराए. सच सबके सामने आजायेगा कि दिल्ली के दंगे किसने कराये.
इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को साफ़ करना चहिये कि आप विधायक किसकी दम पर ताहिर हुसैन की मदद करना चाहते है. आखिर ये कब तक चलेगी दोहरी राजनीत?