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एनपीआर-सीएए-एनआरसी को लेकर छात्र ने किया सवाल तो पी चिदंबरम ने जवाब देते हुए ऐसे समझाया
नई दिल्ली। सीएए का विरोध-प्रदर्शन अभी भी शाहीन बाह मे चल रहा लगभग ये दो महिने से इस विरोध प्रदर्शन में कोई रास्त नही निकला, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अस कानून को सरकार वापस नही लेती तबतक ये विरोध होता रहेगा, लेकिन इस कानून को लेकर सरकार हमेशा से कह रहा है कि ये कानून किसी कि नागरिकता नही जायेगी।
इसी बीच पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दों पर संबोधित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्से में प्रदर्शन अब भी जारी है।
चिदंबरम ने सीएए को असम में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की नाकामी का नतीजा बताया। इसी कारण 19 लाख लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सीएए को 19 लाख लोगों में से 12 लाख हिंदुओं को समायोजित करने के लिए लाया गया था। यदि किसी मुस्लिम को सीएए की वैधता को बरकरार रखने को लेकर डिटेंशन कैंप में हिरासत में भेजा जाता है, तो उन्हें जन आंदोलन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी लगातार इसका विरोध कर रही है। हम एनपीआर-सीएए-एनआरसी का विरोध क्यों कर रहे, इस विषय पर बोलते हुए उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सभी को पहले बिल को पढ़ना चाहिए। तभी वह इसे समझ पाएंगे।
चिदंबरम ने कहा कि यह बिल ऑनलाइन उपलब्ध है, इससे जानकारी ही बढ़ेगी। तब और सवाल पूछ पाएंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट सीएए को बरकरार रखती है, तब क्या करना चाहिए। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुसलमानों को पहचान कर उन्हें बाहर फेंकने का प्रयास होगा।
ऐसे में किसी मुस्लिम को बहार निकालने और डिटेंशन कैंप में रखे जाने पर आंदोलन किया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सीएए निरस्त होना चाहिए। एक संघर्ष करना चाहिए जिससे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को साल 2024 तक धकेला जा सके।