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अलगाववाद, कट्टरवाद तथा पत्थरबाजी का स्थायी समाधान
अश्वनी उपाध्याय
निम्नलिखित 10 कार्य करने के 2 साल के अंदर यदि अलगाववाद, कट्टरवाद तथा पत्थरबाजी पूरी तरह से बंद न हो जाए तो राजनीति से आजीवन सन्यास ले लूंगा और किसी को मुंह नहीं दिखाऊंगा
1. वर्तमान समय में दो नाम (भारत और इंडिया) दो राष्ट्रगान (जन-गण-मन और वंदेमातरम) दो निशान (तिरंगा और कश्मीर का झंडा) दो विधान तथा दो संविधान (कश्मीर और शेष भारत का संविधान) लागू है और यह दोहरी व्यवस्था ही अलगाववाद, कट्टरवाद, आतंकवाद तथा पत्थरबाजी का सबसे प्रमुख कारण है इसलिए आर्टिकल 35A और 370 को तत्काल समाप्त करें तथा एक देश, एक नाम, एक राष्ट्रगान, एक निशान, एक विधान और एक संविधान लागू करें,
2. मदरसों से डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर या कलेक्टर नहीं निकलते हैं तथा समान शिक्षा के बिना सभी बच्चों को समान अवसर उपलब्ध कराना भी असंभव है इसलिए मदरसों को बंद करें तथा 6-14 साल के सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा लागू करें अर्थात पठन-पाठन का माध्यम भले ही अलग-अलग हो लेकिन कश्मीर से कन्याकुमारी तथा कच्छ से कामरूप तक सभी बच्चों का स्लेबस एक समान होना चाहिए
3. आतंकवादियों, अलगाववादियों, कट्टरपंथियों तथा पत्थरबाजों की फंडिंग हवाला और कालाधन से होती है इसलिए सौ रुपये से बड़ी नोट तत्काल बंद करें, दस हजार रुपये से महंगे समान का कैश लेन-देन बंद करें तथा एक लाख रुपये से महंगी चल-अचल संपत्ति को आधार से लिंक करें
4. आतंकवादियों, अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, पत्थरबाजों और हवालाबाजों से सच उगलवाने के लिए अमेरिका की तरह नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ और ब्रेनमैपिंग टेस्ट अनिवार्य करने के लिए कानून बनाएं.
5. कालाधन, बेनामी संपत्ति तथा आय से अधिक संपत्ति रखने को देशद्रोह घोषित करें तथा ऐसे गद्दारों की शत-प्रतिशत संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने के लिए तत्काल एक कानून बनाएं.
6. अलगाववाद, कट्टरवाद, सेना पर पत्थरबाजी तथा हवाला कारोबार को देशद्रोह घोषित करें तथा ऐसे गद्दारों की शत-प्रतिशत संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने के लिए तत्काल एक कानून बनाएं.
7. आजतक एक भी अलगाववादी, आतंकवादी, चरमपंथी या पत्थरबाज नहीं मिला जिसके माँ-बाप ने "हम दो-हमारे दो" नियम का पालन किया हो इसलिए चीन की तर्ज पर सभी नागरिकों के लिए तत्काल एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं.
8. देश में "सबका साथ-सबका विकास" लागू है इसलिए अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक का विभाजन बंद करें तथा अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय समाप्त करें.
9. धर्म के आधार पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और पारसी के लिए बने कानूनों को समाप्त करें तथा सभी नागरिकों के लिए तत्काल एक समान नागरिक संहिता लागू करें.
10. कालाजादू पाखंड और धर्मांतरण के खिलाफ एक कठोर और प्रभावी कानून बनाएं, ऐसे लोगों को आजीवन कारावास की सजा देना जरूरी है.
लेखक बीजेपी के प्रवक्ता है और वरिष्ठ वकील भी है