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नारेबाजी: अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, पूछताछ जारी
राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर के पास रविवार को एक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को मंगलवार सुबह पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सभी छह लोगों अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह, दीपक को हिरासत में लिया गया है।
बतादें कि रविवार को जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। सोशल मीडिया पर अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार करने की मांग भी की जा रही थी। आपत्तिजनक वीडियो के मामले में 9 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर भी दर्ज कर ली थी। जिसमें अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। दिल्ली पुलिस को इस वीडियो में शामिल चेहरों की तलाश थी।
अश्विनी उपाध्याय के पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार देर शाम दिल्ली पुलिस की तरफ से अश्विनी उपाध्याय को मामले में पूछताछ के लिए कनॉट प्लेस थाने में आने के लिए कहा था। इसके बाद वे थाने पहुंचे। तब से उनसे पूछताछ चल रही है। इस दौरान उन्हें उनके परिवार के लोगों के आलावा अन्य किसी से संपर्क नहीं करने दिया जा रहा है।
हालांकि, अश्विनी उपाध्याय समेत भारत जोड़ो आंदोलन से जुड़े सभी आयोजकों ने कहा था कि उनका प्रदर्शन केवल एक घंटे का था, इस दौरान उनके कार्यक्रम में कोई नारेबाजी नहीं की गई थी। उपाध्याय ने वीडियो की सत्यता की जांच करने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने इस वीडियो के संदर्भ में दिल्ली पुलिस के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई थी जिसमें उन्हें और उनके आंदोलन को गलत तरीके से बदनाम करने का आरोप लगाया गया था।
वहीं अश्विनी उपाध्याय ने भी नारेबाजी करने वाली बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि उनके कार्यक्रम में किसी ने भी नारेबाजी नहीं की। उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने खुद दिल्ली पुलिस को शिकायत देकर इस मामले की जांच करने के लिए कहा है। उपाध्याय ने कहा कि उनको नहीं पता है कि नारेबाजी करने वाले कौन लोग हैं और यह कहां से आए। उन्होंने कहा कि जब तक वह कार्यक्रम में रहे तब तक उन्होंने किसी को ऐसी नारेबाजी करते हुए नहीं देखा। इसकी जांच जरूर करना चाहिए। यदि वीडियो फर्जी है तो उनके भारत छोड़ो आंदोलन के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।