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घर या जमीन खरीदना एक बड़ा निवेश होता है। इसलिए, इसे करने से पहले सभी मामलों को ध्यान से विचार करना बेहद जरूरी होता है। इस विषय में पहले से जानकार होना बेहद महत्वपूर्ण होता है।भारत में प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री, ट्रांसफर या अन्य तरह के एग्रीमेंट को लेकर कानून बनाए गए हैं.
प्रॉपर्टी लेने के लिए रजिस्ट्री, दाखिल-खारिज, पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे दस्तावेजों को पुख्ता करना होता है. इनमें से सबसे महंगी कागजी कार्यवाही रजिस्ट्री की है जो सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में होती है.
एक बार जब आपको अपनी पसंदीदा जमीन या घर मिल जाता है, तो आपको उसके लिए पूरा पेमेंट करने के लिए प्रस्ताव पेश किया जाता है। इस पेमेंट को 'फुल पेमेंट एग्रीमेंट' कहा जाता है।
फुल पेमेंट एग्रीमेंट के माध्यम से, आपको संपत्ति की खरीद के लिए पूरा भुगतान करना होता है। इसमें कोई भी बाकी राशि नहीं रहती है। इसके साथ ही, यह एक सुरक्षित प्रक्रिया होती है, जो संपत्ति के मालिक को आपके पैसों की सुरक्षा का विश्वास देती है।फुल पेमेंट एग्रीमेंट सिर्फ दो लोगों के बीच भरोसे और संबंधों पर निर्भर है. फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर संपत्ति खरीदना तो सिर्फ अपने आपको दिलासा देना है. पावर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट से आपको किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनन मालिकाना हक नहीं मिल जाता.
फुल पेमेंट एग्रीमेंट के साथ, आपको संपत्ति के मालिक को पूरा भुगतान करने के बाद ही संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व का हक होता है। इससे पहले, संपत्ति का स्वामित्व मालिक के पास होता है, जो आपको पूरा भुगतान प्राप्त होने तक इसे बेचने से रोक सकता है।
फुल पेमेंट एग्रीमेंट के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। इसके बिना, आप संपत्ति के खरीद के लिए पूरे पैसे को भुगतने के बाद भी संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, कई बार तो प्रॉपर्टी बेचने वाले की मृत्यु के बाद उसके बच्चे या करीबी रिश्तेदार ही ऐसी प्रॉपर्टी पर अपना दावा जता देते हैं. ऐसी परिस्थितियों में फुल पेमेंट एग्रीमेंट कराने वाला पैसे लगाकर मुसीबत में फंस जाता है. फुल पेमेंट एग्रीमेंट मालिकाना हक का दस्तावेज नहीं है. इससे न ही संपत्ति की म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज भी नहीं होता.
इसलिए, अगर आप घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप फुल पेमेंट एग्रीमेंट के बारे में समझते हैं। इससे पहले, संपत्ति के मालिक से संपर्क करें और सभी मामलों को समझें।
यदि आपको कोई संदेह होता है, तो एक विशेषज्ञ से सलाह लें। यह आपके निवेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इससे आप संपत्ति के स्वामित्व के लिए पूरी तरह से सुनिश्चित होंगे और अपने पैसों को सुरक्षित रखेंगे।