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राहुल की प्रदेश अध्यक्षों को हिदायत, मोदी के तानाशाही रवैए को करें बेनक़ाब

Special Coverage News
11 Feb 2019 11:06 AM IST
राहुल की प्रदेश अध्यक्षों को हिदायत, मोदी के तानाशाही रवैए को करें  बेनक़ाब
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खासकर प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने के के बाद इन बैठकों में तेजी आई है पहले राहुल गांधी ने अपने घर पर सभी राज्यों के प्रभारी और वहां सचिवों को बुलाकर राज्यों के हालात की चर्चा की थी

यूसुफ़ अंसारी

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ आक्रामक होते जा रहे हैं। राहुल गांधी कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक होने की लगातार हिदायत दे रहे हैं। दो दिन पहले राहुल ने कांग्रेस महासचिव और राज्यों के स्वतंत्र प्रभारियों की बैठक में बैकफुट पर खेलने के बजाज फ्रंट फुट पर खेलने की हिदायत दी थी। शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार चलाने के तानाशाही रवैए को जोर शोर से बेनक़ाब करने की हिदायत दी है।

मोदी के तानाशाही चेहरे को बेनकाब करो

प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद। राहुल गांधी ने बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेताओं से कहा कि वह मोदी सरकार की युवा विरोधी, किसान विरोधी, महिला विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता के बीच एक सघन अभियान चलाए। इसके अलावा देश में बड़े पैमाने पर फैली बेरोजगारी किसानों के संतोष, संवैधानिक संस्थाओं पर हमले और जांच एजेंसियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के मोदी सरकार के हथकंडों को बेनकाब करने के लिए जनता के बीच व्यापक अभियान चलाने की हिदायत दी है। राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि मोदी सरकार मोदी तानाशाही रवैया से सरकार चला रहे हैं। उनके इस तानाशाही रवैए को जनता के बीच बेनकाब करने के लिए सभी पार्टी नेताओं को आक्रामक अभियान चलाना होगा।

न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना पर ख़ास जोर

राहुल गांधी ने सभी प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं को हिदायत दी है कि वो न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना को कांग्रेस के बड़े विचार के रूप में जनता के सामने पेश करें और अपने अपने स्तर से अपने प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो हर व्यक्ति को उसके खाते में एक न्यूनतम आमदनी मिलेगी। इसके अलावा अपने-अपने राज्यों से जुड़े ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पार्टी आलाकमान को सुझाएं जिन्हें पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल कर सकें। इसके अलावा राज्यों में कांग्रेस के सहयोगी दलों के साथ बेहतर तालमेल बैठाया जाए। जिन राज्यों में गठबंधन में दिक्कतें आ रही है उन दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर किया जाए। उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को भी में भी तेजी लाई जाए।

सोशल मीडिया की ताकत पहचानो

राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं को सोशल मीडिया सोशल मीडिया की ताकत पहचानने पर भी जोर दिया राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी के शक्ति एप से जुड़कर पार्टी की विचारधारा नीति और कार्यक्रमों को जनता के बीच ले जाने के लिए दी है। सभी अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं को सोशल मीडिया पर भी ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहने की हिदायत दी है। गौरतलब है कि पिछले साल राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में पार्टी की पैठ बनाने के लिए डाटा एनालिसिस विभाग का गठन किया था। इस विभाग ने कांग्रेस के लिए शक्ति एप समेत कई एप बनाए हैं। अब पार्टी इन ऐप से अपने कार्यकर्ताओं को जोड़कर पार्टी की नीतियां और विचारधारा जनता के बीच पहुंचा रही है राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी अध्यक्ष और विधायक दल के नेता ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी के ऐप से जोड़कर सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियां बढ़ाएं।

कांग्रेस में मैराथन बैठकों का दौर

राहुल गांधी करीब 2 हफ्ते से पार्टी से जुड़े अलग-अलग संगठनों की एक के बाद एक बैठक ले रहे हैं। खासकर प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने के के बाद इन बैठकों में तेजी आई है पहले राहुल गांधी ने अपने घर पर सभी राज्यों के प्रभारी और वहां सचिवों को बुलाकर राज्यों के हालात की चर्चा की थी उसके बाद सभी के सामूहिक बैठक ली शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेताओं की बैठक हुई तो जल्द ही पार्टी के सभी 64 सचिवों की बैठक होने वाली है उसके बाद पार्टी के अग्रिम संगठनों यानी युवक कांग्रेस, छात्र कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल और मजदूर कांग्रेस की बैठक भी जल्द ही राहुल गांधी के साथ होने वाली है।

एक के बाद एक हो रही इन बैठकों के जरिए राहुल गांधी पूरी पार्टी को चुनावी तैयारियों में मजबूती से जोड़ देना चाहते हैं इसीलिए पार्टी के अलग-अलग संगठनों के नेताओं से बात करके इस बात पर जोर दे रहे हैं कि चुनाव अभियान में तेजी लाई जाए ताकि बीजेपी का मजबूती से मुकाबला किया सके।प,,

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