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टीकरी बोर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल युवती से रेप, उसके बाद युवती की मौत अब पुलिस ने कही ये बड़ी बात
केंद्र सरकार द्वारा तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन अभी भी जारी है| वहीं अब इस आंदोलन के बीच टिकरी बॉर्डर से बड़ी खबर सामने आई है जो कि किसान आंदोलन को बेहद शर्मसार कर रही है| खबर यह है कि किसान आंदोलन का समर्थन करने इसका हिस्सा बनने एक युवती जो पश्चिम बंगाल से टिकरी बॉर्डर पहुंची थी, उसके साथ रेप की बात सामने आई है| बतादें कि, युवती की 30 अप्रैल को मौत हो चुकी है| युवती को कोरोना होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी| जिसके बाद युवती का कोविड प्रोटोकोल से अंतिम संस्कार किया गया था।
Jhajjar | An activist from West Bengal, who came to participate in farmers' protest at Delhi-Haryana Tikri border was allegedly raped
— ANI (@ANI) May 10, 2021
"As per her father,she was raped. The victim was hospitalised for COVID &succumbed to it on Apr30. Case registered, probe on,"said Police (9.05) pic.twitter.com/IeSsnGWuP6
पिता ने कहा बेटी के साथ किया गया रेप….
युवती के पिता ने दावा किया है कि उसकी बेटी का रेप किया गया था। पिता ने बताया कि उसकी बेटी 11 अप्रैल को टिकरी बॉर्डर आई थी और किसान आंदोलन में शामिल हो रखी थी| वह कृषि कानूनों के विरोध में आवाज उठा रही थी| लेकिन उसके साथ यहां रेप जैसी वारदात को अंजाम दिया गया| पिता ने कहा कि पूरे परिवार को बेटी के साथ रेप जैसी वारदात का शक पहले से ही हो रहा था| उसकी बेटी के साथ वाकई रेप किया गया है|
इधर, हरियाणा की झज्जर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक युवती के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है| बताया जाता है कि मृतक युवती के पिता ने इस घटना में शामिल कुछ आंदोलनकारी किसान नेताओं के नाम पुलिस को बताये हैं| वहीं पुलिस भी मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलु को जांच रही है|
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि शहीद महिला के लिए इंसाफ की लड़ाई के साथ खड़ा है. आंदोलन में किसी महिला के साथ कोई बदसलूकी बर्दाश्त नहीं होगी
आज मीडिया और सोशल मीडिया में पिछले महीने टिकरी बॉर्डर पर बंगाल से आई एक महिला साथी के साथ बदसलूकी की घटना की खबर के बारे में संयुक्त किसान मोर्चा यह साफ कर देना चाहता है की वह अपनी शहीद महिला साथी के लिए इंसाफ की लड़ाई के साथ खड़ा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की है और हम इंसाफ की इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएंगे।
यह साथी बंगाल से 12 अप्रैल को "किसान सोशल आर्मी" नामक एक संगठन के कुछ लोगों के साथ टिकरी बॉर्डर पहुंची थी। दिल्ली के रास्ते में और दिल्ली पहुंचने के बाद उसके साथ उन लोगों ने बदसलूकी की। एक सप्ताह बाद उस महिला को बुखार हुआ, अस्पताल में दाखिल किया गया लेकिन 30 अप्रैल को कोविड के कारण उसकी दुखद मृत्यु हो गई।
जैसे ही यह बात हमारे नोटिस में आई वैसे ही संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटियों ने इस पर रायकर सख्त कार्यवाही करने का फैसला किया। मोर्चा की टिकरी कमेटी के फैसले के मुताबिक "किसान सोशल आर्मी" नामक संगठन के टेंट और बैनर आदि चार दिन पहले ही हटा दिए गए थे। मोर्चा के मंच से इस घटना के आरोपियों को आंदोलन से बहिष्कृत करने और उनके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट कर दिया है की यह संगठन कभी भी संयुक्त किसान मोर्चा का अधिकृत सोशल मीडिया प्रतिनिधि नहीं था, और अब से इसके किसी भी हैंडल का हमारे आंदोलन से कोई संबंध नहीं रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने महिला के परिवार को पहले दिन से आश्वस्त किया है की वे इस मामले में इंसाफ के लिए जो कानूनी कार्यवाही करना चाहे उसमें संयुक्त किसान मोर्चा उनका पूरा सहयोग करेगा। कल दिनांक 8 मई को उनके पिताजी ने बहादुरगढ़ पुलिस थाने में इस बारे में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करवा दी है जिसके आधार पर एफ आई आर दर्ज हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा इस जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करेगा और इस मामले में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।
बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी और उनका नेतृत्व इस किसान आंदोलन की एक अनूठी ताकत है। हम हर महिला किसान और महिला संगठनों को आश्वस्त करना चाहते हैं की किसी भी महिला की स्वतंत्रता पर कोई आंच नहीं आएगी और उनके साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार या हिंसा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आंदोलन में औरतों की खुली और पूरी भागीदारी हो सके इसका माहौल बनाना इस आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी है। आगे से ऐसी घटना को रोकने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा एक समिति बनाएगा जिसके सामने महिलाओं से बदसलूकी का हर मामला पेश किया जाएगा।