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दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी, 70000 रुपये में बेचते थे रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन, नर्स समेत 4 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड मूलचंद की एक नर्स भी शामिल है. आरोप है कि इस गैंग के लोग एक इंजेक्शन के लिए 70000 रुपये तक की मांग करते थे. आरोपियों के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉइल भी बरामद हुए हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों की पहचान विपुल वर्मा, विशाल कश्यप, शुभम और नर्स ललितेश के तौर पर हुई है. दिल्ली पुलिस के अफसरों ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी ललितेश मूलचंद में नर्स है. ये नर्स ही इस पूरे गैंग की मास्टरमाइंड है. जो एक इंजेक्शन की कीमच 70000 वसूल रही थी.
दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि मूलचंद अस्पताल की एक नर्स अपने साथियों के साथ मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रही है. इस सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अमित कुमार और एसीपी संजय ड्राल की टीम ने इस गैंग को पकड़ने के लिए जाल फैलाया.
पुलिस टीम को खबर मिली थी कि गैंग का सदस्य विपुल हैदरपुर बस स्टैंड पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई देने के लिए आ रहा है, पुलिस ने वहीं विपुल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. विपुल वर्मा IHBAS अस्पताल में संविदा पर नोकरी करता है.
दिल्ली पुलिस ने जब सख्ती के साथ विपुल वर्मा से पूछताछ कि तो अहम जानकारी हाथ लगी. विपुल की निशानदेही पर ही पुलिस ने विशाल कश्यप को दो रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार कर लिया. विशाल आईपी यूनिवर्सिटी में बीए ऑनर्स का स्टूडेंट है.
आगे जांच में पुलिस को पता चला कि इस पूरे गैंग की मास्टरमाइंड ललितेश नाम की महिला है, जो मूलचंद अस्पताल में नर्स है. ललितेश की ड्यूटी मूलचंद अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में रहती थी. ललितेश उन कोविड मरीजों के इंजेक्शन बचा कर रख लेती थी, जो अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके होते थे. ललितेश इंजेक्शन अपने साथी शुभम के हवाले कर देती थी.
आरोपी शुभम और ललितेश नोएडा में नर्सिंग कोर्स के दौरान मिले थे. दोनों ने एक साथ स्टडी की थी. जबकि शुभम के तार विपुल वर्मा और विशाल कश्यप से जुड़े हुए थे. अब पुलिस इन सबसे पूछताछ कर रही है.