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संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से किसी भी तरह की बातचीत के लिए 9 सदस्यों की टीम बनाने की ख़बर का किया खुलासा
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने सरकार से भविष्य में किसी भी तरह की बातचीत के लिए 9 सदस्यों की टीम बनाने का खंडन किया है. पहले ऐसी खबरें आई थीं कि अगर सरकार से बातचीत का रास्ता खुलता है तो ये टीम किसानों का प्रतिनिधित्व करेगी. यह भी कहा गया था कि सरकार चाहती थी कि 40 किसान संगठनों (Farmers Union) की टीम को छोटा किया जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि सरकार के साथ बातचीत के लिए बनाई जा रही 9 सदस्यीय समिति की खबर गलत है. ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है.संयुक्त किसान मोर्चा की एक टीम पश्चिम बंगाल और असम में जाकर वहां के मतदाताओं से अपील करेगी कि वे किसान विरोधी BJP को वोट न दें. यह कार्यक्रम 12 मार्च से शुरू होगा और अभी के लिए तीन दिन तक चलेगा.
मोर्चा ने कहा कि इस आंदोलन में अब तक अपना बलिदान देने वाले किसानों की संख्या 280 पार कर गई है. आज हरियाणा के जींद जिले के एक 50 वर्षीय किसान राधेश्याम टिकरी बॉर्डर पर शहीद हो गए. वहीं उत्तर प्रदेश के बिजनौर को पार करने के बाद किसान मजदूर जागृति यात्रा सोमवार को उत्तराखंड के जसपुर में प्रवेश कर गई. यात्रा ने 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की और अब तक 200 से अधिक गांवों और कस्बों से गुजरी है. आज इस यात्रा के दिनेशपुर पहुंचने की उम्मीद है.
मोर्चा ने लेबर एक्टिविस्ट नोदीप कौर और उनके साथियों पर एबीवीपी के कथित हमले की निंदा की है. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान उन पर हमला किया गया. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Farmer's protest) में शामिल 41 यूनियनों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता 22 जनवरी को बेनतीजा रही थी.
केंद्र ने यूनियनों से कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित करने के सरकार के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने को कहा है. हालांकि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से गतिरोध बना हुआ है. सरकार ने टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर कंटीले तारों के साथ सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी है.