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नई दिल्ली। राजधानी में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 428 रहा। एक्यूआई गाजियाबाद में 470, ग्रेटर नोएडा में 422, नोएडा में 426, फरीदाबाद में 398 और गुड़गांव में 390 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में है।
बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 0-50 श्रेणी में 'खराब', 51-100 में 'संतोषजनक', 101-300 में 'मध्यम', 201-300 में 'खराब', 301-400 में 'बेहद खराब' और 401-500 में 'गंभीर' माना जाता है। वहीं, 500 से ऊपर के एक्यूआई को 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
बता दें कि पूरी सर्दी में जो प्रदूषण होता है उसमें पराली की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से कम ही होती है। नवंबर में यह सबसे ज्यादा (44 प्रतिशत) थी। यह डेटा एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फॉरकास्टिंग ऐंड रिसर्च ने दिया है।
पराली कम जलने के बाद भी प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा? एक्सपर्ट की मानें तो इसके पीछे मौसम संबंधी विभिन्न कारक हैं। जैसे नमी/कोहरे का बढ़ना। तापमान का गिरना और बाउंड्री लेयर का गिरना जो पलूशन फैलाने वाले तत्वों को दबाकर रखती है।