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Som Pradosh Vrat 2023 : जानिए कब है वैशाख का पहला सोम प्रदोष व्रत जानिए शुभ मुहूर्त और शुभ योग

Anshika
16 April 2023 4:07 PM IST
Som Pradosh Vrat 2023 : जानिए कब है वैशाख का पहला सोम प्रदोष व्रत जानिए शुभ मुहूर्त और शुभ योग
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Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 : हिंदू मान्यता में प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है और इस दिन व्रत करने से महादेव की कृपा आपके घर परिवार पर सदैव बनी रहती है .महादेव आपको सुख ,शांति ,वैभव उन्नति, संतान, धन दौलत सब कुछ देते हैं .

Som Pradosh Vrat: आशुतोष ,नीलकंठ कहे जाने वाले देवों के देव महादेव के लिए हर महा प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है .हर महीने कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को महादेव की कृपा पाने के लिए भक्तजन प्रदोष व्रत रखते हैं .इस बार अप्रैल माह में त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है और सोमवार महादेव का सबसे प्रिय दिन है. इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत (Som pradosh vrat)कहा जाता है जो सभी प्रदोष व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.ऐसे में भगवान शिव के साथ-साथ व्रत करने वाले भक्तजनों के लिए भी यह दिन काफी खास होगा. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए लोग उनकी पूजा करते हैं. उनकी इस प्रदोष पूजा से घर में सुख संपत्ति वैभव आते हैं और शुभ फलों का आगमन होता है. आइए जानते हैं इस बार के वैशाख सोम प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा का शुभ मुहुर्त वगैरह.

सोम प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा का शुभ समय

इस बार अप्रैल के वैशाख माह का पहला सोम प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को रखा जाएगा .इस दिन सोमवार का दिन है और यह व्रत सोम प्रदोष व्रत कहलाता है .इस दिन दोपहर 3:46 से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी जो अगले दिन यानी 18 अप्रैल दिन मंगलवार को 1:27 तक रहेगी .इस हिसाब से देखा जाए तो उदया तिथि की अवधारणा पर सोम प्रदोष व्रत 17 अप्रैल सोमवार को रखा जाएगा क्योंकि सोम प्रदोष में हमेशा सायंकाल पूजा की जाती है इसलिए संध्याकाल का मुहूर्त देखते हुए 17 अप्रैल की शाम 6:48 पर पूजा का आरंभ होगा। महादेव जी इस पूजा को रात के 9:00 बजे तक किया जा सकता है । महादेव को गंगा जल और अन्य पवित्र जल से अभिषेक कराना काफी शुभ माना गया है।

मुहूर्त (Muhurat)

सोमप्रदोष व्रत की तिथि को इंद्र योग बन रहा है. इंद्र योग को बहुत ही फलकारी योग कहा गया है. इंद्र योग 17 अप्रैल को रात नौ बजकर सात (09:07) मिनट से 18 अप्रैल को शाम को छह बजकर दस (06:10) मिनट तक रहेगा.

इस बार सोम प्रदोष व्रत पर पंचक का साया रहने वाला है. पंचक का काल 15 अप्रैल की शाम को छह बजकर चौवालीस मिनट से लग रहा है जो 19 अप्रैल को रात ग्यारह बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा. हालांकि ये कहा जाता है कि मांगलिक कामकाज के लिए पंचक काल अशुभ होता है लेकिन शिव की पूजा के लिए पंचक काल मान्य नहीं होता औऱ इस दौरान महादेव की पूजा की जा सकेगी.

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