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अनुदेशकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई, सरकार को नोटिस जारी
उत्तर प्रदेश के परिषदीय अनुदेशक कल्याण एशोसिएशन संघ की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए यूपी की सरकार से चार सप्ताह के अन्दर जबाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई जुलाई माह में होगी।
याचिका कर्ता विक्रम सिंह ने बताया कि आज अनुदेशक कल्याण एशोसिएशन संघ के द्वारा अनुदेशक नियमितीकरण और 17000 हजार मानदेय को लेकर याचिका दाखिल की गई थी जिसे स्वीकार कर लिया गया। जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस वी राम सुब्रमणियाम और जस्टिस पंकज मिथल की अदालत में हुई।
बेंच ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में सरकार को लिखित जबाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने पार्ट टाइम और आठ घंटे पढ़ाने पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने अंतरिम राहत सहित अनेक बिन्दुओं पर जानकारी मांगते हुए अगली सुनवाई जुलाई में करने की बात कही है। अब अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
अनुदेशकों का पक्ष रखते हुए अनुदेशकों के वकील पी एस पटवालिया और आर के सिंह ने कोर्ट से कहा कि अनुदेशक पार्ट टाइम के काम पर नियुक्त किया गया जबकि सरकार नियुक्ति के दिन से लेकर आज तक 8 घंटे पढ़ाने का काम करता है। फिर भी उसे पार्ट टाइम ही माना जाता है।
बता दें कि इस याचिका में अनुदेशकों के नियमिति करण और 17000 हजार के आदेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट की रवैया को देखते हुए लग रहा है कि अनुदेशकों को न्याय जल्द मिलेगा। इस याचिका को लेकर अनुदेशकों में भी कई गट बन चुके थे। यह बात अनुदेशकों के द्वारा बताई गई लेकिन इस याचिका में सभी अनुदेशकों की बात की गई है।
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