
शिक्षा का स्तर गिरा रही केंद्र सरकार, संविदा शिक्षकों का वेतन कैसे दिया जाए, जब सरकार नहीं दे रही फंड

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने केंद्रकी भाजपा सरकार पर शिक्षकों के वेतन को लेकर हमला बोला. आप के विधायक और नेता संजीव झा ने डीयू के कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को समय से वेतन नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है. इसी वजह से केंद्र ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को अस्त-व्यस्त कर रखा है, दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले प्रोफेसर को वेतन और पेंशनरों को समय से पेंशन नहीं मिल रहा है. भाजपा की केंद्र सरकार की राष्ट्र निर्माण की बात सिर्फ हवा-हवाई है.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक संजीव झा, आम आदमी दिल्ली टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा और ईसी के मेंबर राजपाल ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया. वार्ता के दौरान संजीव झा ने कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है, वह शिक्षा का स्तर गिरा कर केवल अपना कार्यकर्ता बनाने में जुटी है. इसी वजह से देश में अच्छे शिक्षा संस्थान में गिनी जाने वाली दिल्ली यूनिवर्सिटी और वहां के प्रोफेसर को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
BJP का शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है,
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) August 5, 2023
Delhi University का बुरा हाल है।
Colleges के Professor, Regular Teachers, Ad-hoc Teachers, Pensioners को कई महीने से सैलरी नहीं मिली है
Ad-hoc Teachers का सबसे बुरा हाल है।
पहले Buffer Fund होता था अगर Budget Allocation नहीं होता था… pic.twitter.com/Bc0W3rtqw8
शिक्षा का बजट एलोकेशन 2.5 परसेंट हो गया है, जबकि केंद्र में भाजपा की सरकार आने से पहले यह 4.5 प्रतिशत था. डीयू में रेगुलर टीचर और पेंशनर, एड-हॉक , गेस्ट टीचर का अलग-अलग हेड बना दिया गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के 80 प्रतिशत पेंशनर, एडहॉक और गेस्ट टीचरों की टाइम से सैलरी नहीं आ रही है. शिक्षकों की इस समस्या को लेकर आम आदमी दिल्ली टीचर एसोसिएशन लगातार अलग-अलग फोरम पर आवाज उठाती रही हैं, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।
आम आदमी दिल्ली टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य नरायण मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने डेवलपमेंट और मेंटेनेंस ग्रांट देना बंद कर दिया है. इस वक्त देश के सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों की हालत नाजुक है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास लाइब्रेरी में नई किताबों और लैबोरेट्रीज में इक्विपमेंट के लिए पैसे नहीं है. केंद्र सरकार से उन्होंने अपील की है कि सभी समस्याओं का जल्द समाधान निकालें, वरना मजबूरन हम लोग राष्ट्रव्यापी एक्शन प्रोग्राम करेंगे. वहां जो लोग रिसर्च कर रहे हैं, वह अपने जेब से पैसा खर्च करके इक्विपमेंट ठीक करवा रहे हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि स्टूडेंट से मिलने वाली फीस से मेंटेनेंस करिए, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी जब से बनी हुई है तब से छात्रों का पैसा उपयोग में नहीं है और अब जब उपयोग हो रहा है तो वह भी जल्द खत्म होने वाला है. इस वजह से अब छात्रों की फीस भी बढ़ाई जा रही है.