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अनुदेशकों के केस की नहीं हुई सुनवाई, 20 अक्टूबर अगली तारीख लगी
उत्तर प्रदेश के जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत विषय विशेषज्ञ के तौर पर अनुदेशक के केस की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में 26 सितंबर को होनी थी। जो किसी कारण से टल गई। अब यह सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
इस याचिका के याची और अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई थी। इस लिहाज में सुनवाई से एक दिन पूर्व ही दिल्ली पहुंचा और अपने अधिवक्ताओ के साथ बैठकर पूरे केस की ब्रीफिंग की और उन्हे उन बातों से अवगत भी कराया जो आज अनुदेशक झेल रहा है। इन बातों को तथ्यात्मक रूप में कोर्ट में रखे जाने के लिए सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया और आर के सिंह के द्वारा पूरी तैयारी की गई लेकिन एन वक्त पर कोर्ट का समय समाप्त होने के चलते कोर्ट ने आगे सुनवाई किए जाने की बात कही।
विक्रम सिंह ने कहा कि जब कोर्ट में चार बजने वाले थे तो अनुदेशकों के अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कोर्ट की बेंच से अनुरोध किया कि मीलॉर्ड यह 27550 परिवार के भरण पोषण का मामला है जो कि पेशे से शिक्षक है लिहाज यह केस सुना जाए ताकि इन्हे न्याय मिल सके लेकिन कोर्ट के समय को देखते हुए नयायाधीश महोदय ने अगली तारीख देते हुए सुनवाई का पूरा आश्वासन दिया। अब अनुदेशकों को तारीख लंबी दी जा रही थी जिसे फिर से अधिवक्ता ने गुहार लगते हुए 20 अक्टूबर कराया।
अब अनुदेशकों के केस की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। 26 सितंबर को पूरे राज्य के अनुदेशकों की निगाह सुप्रीमकोर्ट को ओर लगी हुई थी। जहां उन्हे एक बार फिर से नाउम्मीद मिली जिससे अधिकतर अनुदेशक मन मसोश कर रह गए। फिलहाल अनुदेशक का मानदेय भी नहीं मिला है। वहीं ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हुए तीन माह बीत चुके है लेकिन एक बार भी अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।
अनुदेशकों को कई जिलों में जुलाई तो सभी जिलों में अगस्त और मौजूदा सितंबर माह का मानदेय ग्रांट न मिलने से नहीं मिल सका है जिससे अनुदेशकों में समस्या खड़ी हो गई है कि आखिर में स्कूल कैसे जाया जाए। फिलहाल अनुदेशक एक बड़ी परेशानी के दौर से गुजर रहा है।