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मौजूदा समय प्रकृति और मानव के विलगाव का समय है - ज्ञानेन्द्र रावत
नयी दिल्ली। पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत का कहना है कि आधुनिक विज्ञान के युग में भी हम गृहीय परिघटनाओं को समझने में नाकाम हैं। ऐसी स्थिति में विनाशकारी आपदाओं को कैसे टाला जा सकता है। वे भविष्य में भी होंगी। जाहिर है उस स्थिति में पर्यावरणीय खतरे बढे़ंगे। ऐसी दशा में समय रहते उसे संभालने का प्रयास तो कर ही सकते हैं। ताकि आपदा से कम से कम मानव जीवन , चल व अचल संपत्ति तथा प्राकृतिक संसाधनों की हानि न हो। हमारे यहाँ धन का अभाव नहीं, बल्कि सुशासन और सुशासकों का अभाव है।
उन्होंने कहा कि यह याद रखना होगा कि कुदरती कहर की पूर्व चेतावनियां उतनी जाने नहीं बचातीं, जितनी कहर के बाद उससे जूझने की तैयारी बचाती है। यह घड़ी परीक्षा की घड़ी होती है। यदि हम चाहते हैं कि हमारी धरती निरापद घूमती रहे और हर दिन नया साल आये तो हमें हर तरह से धरती और उसके तमाम संसाधनों, संपदा की रक्षा करनी होगी। जरूरत है पर्यावरण के कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाये।
ध्यान देने वाली अहम बात यह है कि समंदर अब पहले से ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं। सुनामी का कहर भविष्य में अब पहले से ज्यादा दूर तक के इलाके में फैल सकता है। बीते सालों में इस दिशा में काफी कुछ प्रयास-सुधार हुए हैं। फिर भी बहुत कुछ करना बाकी है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि सरकार सुनामी के प्रकोप से सबक लेकर त्वरित कुछ ऐसा करे ताकि हम अपनी सुरक्षा के प्रति भविष्य में कुछ अधिक सजग हो सकें। श्री रावत ने यह बातें सुनामी के 15 साल पूरे होने पर आयोजित एक समारोह में कहीं।
गौरतलब है कि आपदा में युवाओं और समाज की भूमिका को लेकर नयी दिल्ली स्थित अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुनामी के पंद्रह वर्ष पूरे होने के अवसर पर 26 दिसम्बर को एड्रिड द्वारा एशियन सुनामी डायलाग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीआइएसएफ के पूर्व डी जी एवं एन आई डी एम के पूर्व सदस्य श्री के एम सिंह, आई पी एस, प्रो .सन्तोष कुमार, प्रमुख, गवर्नमेंस एण्ड इनक्लूसिव डी पी आर, एन आई डी एम, कुंवर विक्रम सिंह, चेयरमैन, सीएपीएस आई, प्रो. के आर चारी, विमटेक, श्री विक्रांत महाजन, सीईओ, स्फेयर इंडिया, श्री ज्ञानेन्द्र रावत, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक,पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार सुश्री राखी बख्शी, श्री हरदीप सिंह चौधरी, कमांडेंट एवं डायरेक्टर लाइनेज इंडिया सिक्योरिटी एण्ड सेफ्टी एकेडेमी, कैप्टन श्याम कुमार, पूर्व डायरेक्टर एयर क्राफ्ट कैरियर प्रोजेक्ट, भारतीय नौसेना, कैप्टन मोहिन्दर कौर, पायलट एवं चेयर पर्सन एयरो फील्ड फ्लाइंग एकेडेमी, श्री पी के डी नांबियार, सीएमडी बी स्कवायर,प्रो. राखी पारिजात, मिरांडा हाउस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, श्री एम साजिनानी, पूर्व निदेशक, एम एच ए, श्री साकेत ब्रिजेन्द्र,सीएमडी,फेलिक्स रिवर्स इंटरनेशनल और श्री निशीथ कुमार सी ओ ओ, नालिज लिंक्स इंडिया ने सुनामी के इतिहास, कारणों, राहत, पुनर्वास, सूचना, आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व सूचनाओं आदि मुद्दों पर व्यापक प्रकाश डाला। संचालन डा. राहुल सिंह व संयोजन वरिष्ठ पत्रकार श्री ओंकारेश्वर पाण्डेय ने किया। अंत में समारोह की सफलता हेतु अतिथियों व उपस्थित जनों का पर्यावरणीय विषयों के जानकार श्री प्रशांत सिन्हा ने आभार व्यक्त किया। समारोह में विभिन्न विश्व विद्यालय के प्रोफेसर, रिसर्चर स्कालर्स, पर्यावरण प्रेमी, वैज्ञानिक व समाजसेवियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी।