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निर्भया के दोषियों का फांसी का रिहर्सल हुआ पूरा, जल्लाद पवन ने लगाई डमी फांसी
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले के चारों दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जानी है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली हैं. निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए मेरठ जेल से खास तौर पर पवन जल्लाद को तिहाड़ बुलाया गया, जिसके चलते पवन जल्लाद मंगलवार शाम ही तिहाड़ पहुंच गए. यहां उन्होंने 20 तारीख को चारों दोषियों को दी जाने वाली फांसी से पहले 18 मार्च की सुबह डमी फांसी दी. तिहाड़ जेल अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी एनआई को यह जानकारी दी.
वहीं, निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी अक्षय कुमार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की है. फांसी से महज तीन दिन पहले इसने यह याचिका दाखिल की है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि अक्षय ने मंगलवार की शाम को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की.
सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल हुई क्यूरेटिव पिटीशन
एक अन्य दोषी पवन कुमार गुप्ता ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक और क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है. इसमें यह दावा किया गया कि अपराध करने के समय वह नाबालिग था और इसलिए उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलना चाहिए.
दोषियों के परिवार ने मांगी इच्छामृत्यु
इससे पहले निर्भया के दोषियों के परिजनों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति और पीड़िता के माता-पिता से निवेदन किया गया है कि उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए. पत्र में यह भी कहा गया है कि हमें इच्छामृत्यु देने से भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोका जा सकता है. पत्र में लिखा है कि अगर हमारे पूरे परिवार को इच्छामृत्यु दी जाती है तो निर्भया जैसी दूसरी घटना को होने से रोका जा सकता है.
बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों की फांसी तीन बार टल चुकी है. दोषियों के खिलाफ सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख तया हुई थी. फिर दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च की तारीख तय की गई थी. हालांकि, तीनों बार दोषियों ने कोई न कोई कानूनी तरीका अपना कर फांसी को लटका दिया.