- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
दीपक चौरसिया पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, गैर जमानती वारंट जारी
नई दिल्ली: टीवी पत्रकार और एंकर दीपक चौरसिया के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। चौरसिया पर साल 2013 में 10 वर्षीय नाबालिग और उसके परिवार का कथित तौर पर अश्लील और एडिटेड वीडियो ऑन एयर चलाने का आरोप है। इसी मामले में दीपक चौरसिया को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुए।
दीपक चौरसिया के वकील ने हवाला दिया कि उसी दिन पहले से ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू शेड्यूल था, जिसकी वजह से वो कोर्ट नहीं आ पाए। हालांकि गुरुग्राम के एडिशनल सेशन जज शशि चौहान ने चौरसिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
दीपक चौरसिया के एडवोकेट ने न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन लगाया, लेकिन कोर्ट ने नोट किया कि एप्लीकेशन के साथ चौरसिया या उनके एडवोकेट का कोई एफिडेविट नहीं था। इसके अलावा न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट से जुड़ा कोई डॉक्यूमेंट्री प्रूफ भी नहीं था। वकील ने कहा कि दीपक चौरसिया जानबूझकर कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए, बल्कि उन्हें योगी सीएम का इंटरव्यू करना था।
वकील ने यूपी सीएम के अफसर की तरफ से इस संबंध में भेजा पत्र भी दिखाया, लेकिन कोर्ट ने नोट किया कि वह पत्र चौरसिया के नाम संबोधित नहीं था। इसके अलावा दीपक चौरसिया के वकील ने यूपी सरकार का जो पत्र कोर्ट में पेश किया वह कॉन्फिडेंशियल यानी गोपनीय था। न्यायालय ने इस पर भी तीखी आपत्ति जताई और कहा कि जो पत्र गोपनीय था, उसको न्यायालय में कैसे पेश किया गया।
दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष के वकील ने दलील दी कि दीपक चौरसिया उस दिन भी न्यायालय में पेश नहीं हुए थे जिस दिन मामला दर्ज हुआ था क्योंकि जानबूझकर सुनवाई में देरी करना चाहते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दीपक चौरसिया का बेल बॉन्ड और श्योरिटी बॉन्ड कैंसिल कर दिया। आपको बता दें कि दीपक चौरसिया के खिलाफ यह दूसरा वारंट है। इससे पहले 28 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन हेल्थ ईशू का हवाला देकर पेश नहीं हुए थे। तब भी कोई दस्तावेज नहीं सौंपा था इसीलिये वारंट जारी हुआ था।