दिल्ली

घर जाने के लिए प्रवासी मजदूर ने चुराई साइकिल, कागज पर लिखकर छोड़ा ये माफीनामा...पढ़कर उदास हो जाएंगे

Arun Mishra
17 May 2020 8:49 AM GMT
घर जाने के लिए प्रवासी मजदूर ने चुराई साइकिल, कागज पर लिखकर छोड़ा ये माफीनामा...पढ़कर उदास हो जाएंगे
x
माफीनामे के बाद साइकल मालिक उस मजदूर की मजबूरी को समझ कर उसे माफ किया या नहीं यह तो नहीं पता, लेकिन...?

नई दिल्ली : कहते हैं कि मजबूरी इंसान से सब कुछ करा देती है. कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण इस वक्त प्रवासी मजदूरों से ज्यादा मजबूर शायद ही कोई हो. तभी तो एक मजदूर को अपने घर जाने के लिए किसी की साइकिल चोरी करनी पड़ी और चोरी के बाद उसने वहां माफीनामा भी लिख कर रखा, जिसमें उसने चोरी करने का कारण बताया. हालांकि चोरी तो चोरी ही होती है, फिर चाहे वो मजबूरी में की गई हो या जानबूझकर, लेकिन इस 'मजदूर' की 'मजबूरी' ने हमें और आपको भी बहुत कुछ सोचने के लिए 'मजबूर' कर दिया है.

दरअसल एक पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. ऑनलाइ मीडिया के मुताबिक, घटना राजस्थान के भरतपुर की है जहां उत्तर प्रदेश में बरेली के रहने वाले एक प्रवासी मजदूर ने अपने बेटे के साथ अपने घर जाने के लिए किसी की साइकिल चोरी की और चोरी करने का बाद वहां एक माफीनामा भी लिख कर रख गया.

माफीनामे के मुताबिक, इस शख्स का नाम मोहम्मद इकबाल है, उसने सोमवार देर रात भरतपुर जिले के रारह गांव में साहब सिंह के घर से एक साइकिल चुरा ली. सिंह को अगले दिन सुबह अपने घर के बरामदे में झाडू लगाते हुए पत्र मिला.


पत्र में क्या लिखा…..

"नमस्ते जी… मैं आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं. हो सके तो मुझे माफ कर देना जी, क्योंकि मेरे पास कोई साधन नहीं है. मेरा एक बच्चा है उसके लिए मुझे ऐसा करना पड़ा, क्योंकि वो विकलांग (दिव्यांग) है, चल नहीं सकता. हमें बरेली तक जाना है. आपका मजबूर मजदूर"

इस माफीनामे के बाद साइकल मालिक उस मजदूर की मजबूरी को समझ कर उसे माफ किया या नहीं यह तो नहीं पता, लेकिन इस वायरल माफीनामे से किसी की मजबूरी का अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है.

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

Next Story