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किसानी, जवानी और पानी बचाने के लिए किसान स्वराज यात्रा 2 अक्टूबर से शुरू
नई दिल्ली। प्रसिद्ध पर्यावरण विद राजेन्द्र सिंह ने विश्व अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर से देश भर में किसानी, जवानी और पानी बचाने के लिए शुरू हो रही किसान स्वराज यात्रा में शामिल होने की अपील की है। यह यात्रा देश के सभी राज्यों की राजधानियों और जिलों से होते हुए संविधान दिवस 26 नवंबर को संपन्न होगी। यात्रा का मकसद खेती किसानी को बचाने, बे रोज गार को रोजगार दिलाने, गहराते जल संकट से बचने और सभी राज्यों को पानीदार बनाने की चेतना जगाने का है।
किसान स्वराज यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज खेती को कृषि उद्योग और कृषि व्यापार बनाने वाले तीनों कृषि कानून उद्योगपति और सरकारी समझौते के कानून के रूप में आए हैं। ये भी ईस्ट इंडिया कंपनी जैसे ही समझौते हैं। भारतीय लोकतंत्र को चलाने वाले संविधान की अवमानना करके किसानों को कंपनी राज का गुलाम बनाकर पूरे भारत को गुलाम बनाने वाली प्रक्रिया की शुरुआत इन कृषि कानून द्वारा बन रही है। इन कानूनों को रद्द कराना किसानों का अहिंसक सत्याग्रह है।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि समाधान का रास्ता खोजना जरूरी है सभी मिलकर मनभेद और मतभेद से ऊपर उठ कर मिल जुल कर एक शांति संगठन की ऊर्जा के रूप में इसे लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बहुत काम हो रहे हैं लेकिन अभी भी मूलभूत सुधार की जरूरत है। किसानों की जमीन पर दूसरों का दखल नहीं होना चाहिए । किसान अपने अधिकारों को लेकर स्वतंत्र हो और ऐसा कोई भी प्रतिबंध नहीं लगे कि उन्हें जमीन बेचने और अनुबंध के लिए मजबूर होना पड़े। किसान जो फसल उगा रहे हैं , उसमें उन्हें मदद मिले। फसलों का दाम ठीक से हो। इसका इंतजाम होना चाहिए किसानों की जमीन पर किसी का कब्जा नहीं हो।