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Love Story : यूपी सरकार के पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और वर्तमान में परिवहन मंत्री दयाशंकर के बीच तलाक की खबरें अब सुर्खियों में छा रही हैं। दोनों की लव स्टोरी 23- 24 साल पहले की है। इसके बाद इस जोड़ी ने 22 साल पहले शादी की थी दोनों का एक बेटा और बेटी भी है। इस जोड़ी की लव स्टोरी लखनऊ विश्वविद्यालय से शुरू हुई थी जो बहुत ही चर्चित लव स्टोरी है। पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के बीच तलाक हो गया है लेकिन जिस रिश्ते की शुरुआत प्यार से हुई थी। वह 22 साल बाद कैसे खत्म हो गया है।
इस हाईप्रोफाइल तलाक की आज खूब चर्चा हो रही है। वही दयाशंकर और स्वाति सिंह के बैकग्राउंड की बात करें तो दोनों लोग बलिया के रहने वाले हैं। इस जोड़ी ने 18 मई 2001 को शादी कर ली थी। शादी के कुछ वक्त बाद तक दोनों के बीच सबकुछ ठीक रहा लेकिन साल 2012 में दोनों के बीच विवाद इस कदर बढ़ा कि अब मामला तलाक तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि साल 2012 में स्वाति सिंह ने दयाशंकर को मारपीट करने के आरोप में तलाक की अर्जी दी थी। इस तलाक का मुकदमा चल रहा था। भाजपा ने साल 2017 में दयाशंकर की जगह स्वाति सिंह को लखनऊ के सरोजनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव में टिकट दे दिया था। इस सीट पर जीत हासिल करने के बाद उन्हें योगी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया।
साल 2018 में परिवार न्यायालय ने दोनों पक्षों के कोर्ट ना पहुंचने पर मामले को बंद कर दिया था लेकिन साल 2022 में वह फिर से एक बार कोर्ट पहुंच गई और फाइनली अब तलाक ले लिया। स्वाति सिंह और दयाशंकर की मुलाकात छात्र राजनीति के दौरान हुई थी। स्वाति सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमबीए कर रही थी और दयाशंकर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र थे। दोनों के बीच एक कॉमन बात थी की दोनो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे और छात्र राजनीति में सक्रिय थे. इसी राजनीति में दोनों एक दूसरे से टकरा गए और दोनों के बीच करीबी बढ़ती चली गई फिर स्वाति सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करके लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी करने आ गईं. यहां इस जोड़ी का प्यार परवान चढ़ा. बताना जरूरी है कि दयाशंकर सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से मध्यकालीन इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन और एलएलबी किया है.
दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह की एक बेटा और बेटी भी हैं यह जोड़ी पिछले 10 सालों से अलग रहती है दोनों ही बच्चे अपनी मां साथी सिंह के साथ रहते हैं दयाशंकर बीच-बीच में अपने बच्चों से मिलते रहते हैं और उनकी पढ़ाई का खर्च भी उठाते हैं