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जैसा कि सभी जानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. सिविल सर्विस कि इस परीक्षा को पास करने के लिए हजारों, लाखों लोग हर साल प्रयास करते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही लोग ऐसे हैं जो इस को सफलतापूर्वक पार कर पाते हैं. इसे क्रैक करने के लिए हर उम्मीदवार जी तोड़ मेहनत करता है. हर साल कई लोग सिविल सेवा की परीक्षा को देते हैं लेकिन इसमें से अधिकतर लोग असफल हो जाते हैं जबकि कुछ ही सफल होकर अपनी नई कहानी लिखते हैं. ऐसे ही एक उम्मीदवार थे अनुदीप
अनुदीप तेलंगाना के निवासी हैं . अनुदीप ने आईएएस अधिकारी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत की और तीन बार असफल होने के बाद आखिरकार वो आईएएस अफसर बन गए. तेलंगाना निवासी अनुदीप दूरीशेट्टी अपने लक्ष्य में तीन बार असफल हुए लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार अपने सपने को पूरा करके ही माने चौथी बार उन्होंने सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गए.अनुदीप शुरू से ही आईएएस बनने का सपना देखते थे. साल 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर अनुदीप की कहानी अलग ही है. अनुदीप पहली बार 2012 में यूपीएससी परीक्षा में बैठे थे जिसके बाद उन्हें असफलता हासिल हुई लेकिन साल 2013 में उन्होंने फिर से यह परीक्षा दी. इस बार उनका सिलेक्शन भारतीय राजस्व के लिए हुआ लेकिन उन्हें आईएस ही बनना था इसलिए वे आईआरएस बनने के बाद भी यूपीएससी की परीक्षा देते रहे. साल 2014 और 2015 में अनुदीप ने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी लेकिन इसे क्रैक करने के उनके प्रयास असफल रहे. हालांकि, अनुदीप ने हार नहीं मानी और एक बार फिर से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय लिया और इसी का नतीजा था कि साल 2017 में वे यूपीएससी टॉपर बन गए. उन्होंने ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की थी.
अनुदीप ने इस परीक्षा की तैयारी कोचिंग से नहीं की उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के दौरान केवल गाइडेंस ली और इंटरनेट की मदद ली. इसके अलावा अनुदीप बताते हैं कि हैदराबाद में एक असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में भी उन्होंने काम किया. दुरीशेट्टी तेलंगाना के जगत्याल के मेटपल्ली शहर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा श्री सूर्योदय हाई स्कूल और श्री चैतन्य जूनियर कॉलेज से पूरी की है. इसके अलावा अनुदीप दुरीशेट्टी ने साल 2011 में बिट्स पिलानी, राजस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन में बी.टेक की डिग्री हासिल की थी. बी.टेक की डिग्री हासिल करने के बाद अनुदीप की Google में जॉब लग गई और उन्होंने वहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया.