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दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद क्या होगा 'आप' का जब चुनाव से पहले शामिल होने की मची है होड़
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है जहां 8 फरवरी को मतदान तो 11 फरवरी को चुनाव परिणाम आयेगा। ऐसे में हर पार्टी चुनाव प्रचार में लग गई है घोषणा के बाद राजधानी दिल्ली में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. ऐसे में कई नेता अपनी अपनी-अपनी पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने में लगे है वैसा ही कुछ आज कल आप की पार्टी में देखने को मिला।
31 दिसंबर को आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे की मौजूदगी में कांग्रेस के कई नेता आप से जुड़ गये। आप में शामिल होने वालों में कांग्रेस के जिला महासचिव शमसुद्दीन प्रधान, यूथ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष मोहित अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता सुधा बब्बर, कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष अनिल गौतम, बीजेपी के पूर्व प्रचार मंत्री वेदराम नरवरिया, कांग्रेस नेता राकेश कोहली, बीजेपी नेता रोहतास प्रजापति समेत कई नेता शामिल हैं।
कांग्रेस विधायक मटियामहल से पांच बार विधायक रह चुके शोएब इकबाल ने 9 जनवरी को आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। उनके बेटे और कांग्रेस पार्षद आले इकबाल ने भी 'आप' की सदस्यता ली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में शोएब इकबाल ने अपनी पूरी टीम के साथ आप की सदस्यता ली।
इस मौके पर शोएब इकबाल ने कहा कि 'आप' सरकार के कामकाज से वह बेहद प्रभावित हैं। शोएब इकबाल के अचानक कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में जाने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान माना जा रहा है। क्योंकि, सीएए एनआरसी के विरोध में मुस्लिम चेहरे के रूप में शोएब और कांग्रेस पार्षद बेटे आले इकबाल ने बड़ी भूमिका निभाई थी। माना जा रहा था कि पुरानी दिल्ली की सीटों पर कांग्रेस को फायदा होगा। मगर, शोएब के जाने के बाद कांग्रेस को झटका लगा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शोएब के 'आप' में शामिल होने का स्वागत किया है।
दिल्ली यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जगदीश यादव ने भी 11 जनवरी को कांग्रेस छोड़ सीएम अरविंद केजरीवाल और सांसद सुशील गुप्ता की मौजूदगी में AAP में शामिल हुए। जगदीश यादव ने पार्टी ज्वाइन करने के दौरान कहा कि कि वे पूरी निष्ठा के साथ आम आदमी पार्टी को मजबूत करेंगे।
जगदीश यादव दिल्ली पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission Delhi) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में रिठाली सीट से चुनाव भी लड़ा, लेकिन अरविंद केजरीवाल की लहर में वह आम आदमी प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे।
वही समाजवादी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में नही दिख रही है तो आम आदमी पार्टी की बेहतर संभावनाओं को वह भी मान रही है। इसीलिए वह इन चुनावों में आम आदमी पार्टी को समर्थन दे सकती है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव न लड़ने का संकेत दे दिया है। हालांकि इसका औपचारिक ऐलान से पहले अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा कुछ सीटों पर लड़ी थी लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। वैसे सपा व आम आदमी पार्टी के बीच बेहतर समझ बनी हुई है। कुछ समय पहले हुए यूपी विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने सपा को समर्थन दिया था।
खबर ऐसी आ रही है कि पूर्व सांसद और दिग्गज नेता महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस में हो रही अनदेखी के चलते विनय मिश्रा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की संभावना है. पहले ऐसी खबरें थीं कि विनय मिश्रा द्वारका से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं।
हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी का प्रत्याशियों की सूची नही आई है तो इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरेगी। वहीं इस बार भी चुनावी मैदान में मुकाबला आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच होने की संभावना है।