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देश के लिए शहादत देने वाले सैनिकों के परिवार के साथ बेपरवाह क्यों है सरकार ?
देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ भेदभाव के अनेक मामले सामने आए हैं. पिछले कई दिनों से पुलवामा में हुए शहीद सैनिक सोरेंग की पत्नी सब्जी बेच कर अपना गुजारा कर रही है का मामला सामने आया है.
दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल मीणा ने कहा है कि पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के परिवार को अनेक सुविधाएं देने का सरकार ने वादा किया था लेकिन अभी तक उनको किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है. सरकार ने पुलवामा पर सहानुभूति दिखाकर देश के लोगों से वोट लूटने का तो काम किया लेकिन देश के लिए शहादत देने वाले सैनिकों के परिवारों को आज तक न्याय नहीं मिला है.
सरकार की लापरवाही पर अनेक सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि पुलवामा में शहीद होने वाले 40 से अधिक सैनिकों की जांच अभी तक सरकार ने नहीं करवाई है ? नहीं सरकार ने इस बात का पता लगाने की कोशिश की है कि यह हमला किसने करवाया ? क्यों करवाया ? इसके पीछे मकसद क्या था ? भारत की सीमाओं के अंदर आरडीएक्स कैसे आया ? इस हमले का मास्टरमाइंड कौन है ?
इन तमाम सवालों पर सरकार की खामोशी कहीं ना कहीं देश के लिए शहादत देने वाले सैनिकों आत्मा के साथ अपमान को दर्शाता है. देश के लोग इस बात को धीरे-धीरे समझ रहे हैं कि पुलवामा हमले से सबसे ज्यादा किस राजनीतिक संगठन को फायदा हुआ है. पुलवामा हमले के बदौलत जिस राजनीतिक संगठन को सत्ता हासिल हुई उसने अभी तक किसी प्रकार की कोई जांच प्रक्रिया नहीं बैठा कर अपने आपको अनेकों सवालों के घेरे में डाल दिया है.