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महिला आरक्षण बिल का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले लागू करने की उठाई मांग
कांग्रेसी नेता जया ठाकुर की मांग है कि महिला आरक्षण बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाए और परिसीमन वाली शर्त को वापस लिया जाए। जिसके चलते महिला आरक्षण बिल का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा वकील वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि संवैधानिक संशोधन को अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता।
महिला आरक्षण बिल याचिका में क्या कहा गया
याचिका में यह भी कहा गया है कि जनगणना और परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सीटों की संख्या पहले ही घोषित की जा चुकी है। वर्तमान संशोधन मौजूदा सीटों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देता है। याचिका में कहा गया है, “संशोधन को तुरंत लागू करने के लिए यह एक आकस्मिक स्थिति है, यही कारण है कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए एक विशेष उद्देश्य के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था, लेकिन विवादित रुकावट डालना लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के उद्देश्य को विफल करना है।“
15 साल तक लागू रहेगा नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक
नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक 2023 इस साल सितंबर में संसद के एक विशेष सत्र में पारित किया गया था। यह लोकसभा और दिल्ली सहित सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा अनिवार्य करता है। परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2029 में महिलाओं के लिए कोटा पूरी तरह से देश भर में लागू होने की संभावना है और यह 15 साल की अवधि तक जारी रहेगा।
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