दिल्ली

हिंदी की अनामिका सहित 21 भाषाओं के लेखक हुए साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित

हिंदी की अनामिका सहित 21 भाषाओं के लेखक हुए साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित
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प्रसून लतांत

नई दिल्ली। हिंदी की विख्यात कवयित्री अनामिका को 18 सितंबर को साहित्य अकादमी की ओर से रविंद्र भवन में आयोजित एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। उनको यह सम्मान उनके काव्य संग्रह टोकरी में दिगंत:थेरी गाथा कृति के लिए दिया गया। भारतीय साहित्य जगत का यह इकलौता सर्वोच्च सम्मान के रूप में प्रतिष्ठित है। यह सम्मान साहित्य की सर्वोच्च संस्था साहित्य अकादमी की ओर से 22 भाषाओं के साहित्यकारों को हर साल दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपए की राशि और नक्काशीदार तांबे का स्मृति चिन्ह दिया जाता हैै।

अनामिका हिंदी की पहली कवियत्री हैं जिनको पहली बार साहित्य अकादमी सम्मान कविता के लिए दिया गया। बिहार से अब तक कविता के क्षेत्र में डॉक्टर रामधारी सिंह दिनकर और अरुण कमल ही सम्मानित किए गए हैं अनामिका बिहार की तीसरी साहित्यकार हो गई हैं, जिनको उनके कविता संग्रह पर साहित्य अकादमी सम्मान दिया जाएगा।

'टोकरी में दिगंत: थेरी गाथा' उन स्त्रियों की अभिव्यक्ति है, जो हर तबके, ग्रामीण, पिछड़ी जातियों आदिवासी, समाज के अभावग्रस्त क्षेत्रों से संबंध रखती हैं और उनके संवाद में समूचे संसार की अलग-अलग परतें खुलती हैं। अनामिका को यह सम्मान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और फैलो विश्वनाथ तिवारी ने दिया। अध्यक्षता साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर अंबार ने की।

हिंदी की अनामिका के अलावा अपूर्व कुमार सेकिया असमी, शंकर, बंगाली, धरणीधर औवरी,असमी, अरुंधति सुब्रमण्यम अंग्रेजी, हरीश मिनाश्रु, गुजराती, एम वीरप्पा मोइली, कन्नड़ आर एस भास्कर , कोंकणी ,कमल कांत झा, मैथिली ओम चेरी एन एन पिल्लई, मलयालम,इरूंग बम देवेन सिंह,मणिपुरी, शंकरदेव ढकाल नेपाली, यशोधरा मिश्र ओड़िया, गुरदेव सिंह रूपाणा, पंजाबी, भवरसिंह समौर, राजस्थानी, महेश चंद्र शर्मा, संस्कृत, रूपचंद हांसदा, संथाली, जेठो लालवानी, सिंधी इमायम,तमिल, निखिलेश्वर, तेलुगू, हुसैन उल हक उर्दू के भी सम्मानित होंगे। सम्मान समारोह के अगले दिन लेखक सम्मिलन का कार्यक्रम हुआ।


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