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क्या आप जानते हैं कि अधिक मास, मलमास, खरमास और चातुर्मास में क्या है अंतर...

Arun Mishra
30 Sept 2020 9:05 AM IST
क्या आप जानते हैं कि अधिक मास, मलमास, खरमास और चातुर्मास में क्या है अंतर...
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अधिकमास हर तीन साल में एक बार आता है. इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.

मलमास का लगभग आधा दिन निकल गया है. जोकि 16 अक्टूबर तक रहेगा. इस बार पितृपक्ष के समाप्‍त होने के बाद शारदीय नवरात्रि आरंभ नहीं हुई. यानी नवरात्रि करीब एक महीने के बाद शुरू होंगे. क्योंकि इस साल अधिक मास लग गया है. अधिक मास 18 सितंबर से शुरू होंगे और 16 अक्टूबर तक चलेंगे. अधिकमास हर तीन साल में एक बार आता है. इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य जब बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करते हैं, तब खरमास, मलमास और अधिकमास शुरू हो जाता है. आइए जानते हैं अधिकमास, पुरुषोत्तम मास, खरमास और मलमास क्या होता हैं और क्‍यों है इनका महत्‍व.

अधिक मास का महत्‍व

ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य के सभी बारह राशियों के भ्रमण में लगने वाले समय को सौरवर्ष कहा जाता है. यह 365 दिन, 6 घंटे की अवधि का होता है. चंद्र एक वर्ष में 12 बार प्रत्येक राशि का भ्रमण करते हैं. यह चांद्र वर्ष कहलाता है. यह वर्ष 354 दिन और लगभग 9 घंटे का माना जाता है. ऐसे में सूर्य और चंद्रमा के वर्ष का समीकरण ठीक करने के लिए अधिक मास का जन्म हुआ. यानी जिस महीने सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिक मास कहा जाता है.

अधिकमास ही है पुरुषोत्तम मास

पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है. अधिकमास के अधिपति स्वामी भगवान विष्णु माने जाते हैं. इसीलिए अधिकमास को ही पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. मान्‍यता है कि इस मास में जो भगवान विष्णु का पूजन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मल मास में शुभ कार्य माने जाते हैं वर्जित

अधिकमास को ही पुरुषोत्तम मास के अलावा मलमास के नाम भी जाना जाता है. इस माह में सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. यही कारण है कि इसे मलमास कहा जाता है.

क्‍यों कहा जाता है खरमास

अक्‍सर लोग खरमास और मलमास को एक ही समझ लेते हैं. हालांकि यह सही नहीं है. दरअसल, जब सूर्य धनु या मीन राशि में गोचर करते हैं तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है.

चतुर्मास का महत्व

व्रत, भक्ति और शुभ कर्म के चार महीने 'चातुर्मास' कहलाते हैं. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं. ऐसे में इन चार महीनों को चतुर्मास कहा जाता है. ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए ये महीने खास होते हैं. चातुर्मास 4 महीनों की अवधि होती है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलते हैं.

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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