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नवरात्रों में 2 से 9 साल तक की कन्याओं का करना चाहिए पूजन
पंडित हृदय रंजन शर्मा के अनुसार नवरात्र के नौ दिनों में दैवीय शक्तियां साक्षात रूप में धरती पर विराजमान होती हैं।इन दिनों की गई प्रार्थना,भजन,स्त्रोत, उपासना,विनती से मां दुर्गा भक्तों पर बहुत जल्दी कृपा बरसाती हैं और धन,दौलत की कमी को दूर कर श्री व सौभाग्य प्रदान करती हैं।
मार्कण्डेय पुराण,देवी पुराण, देवी भागवत,मत्स्य पुराण आदि पुराणों में मां भगवती दुर्गा जी के महत्व का वर्णन हमें प्राप्त होता है। शास्त्र कहते हैं नवरात्र के नौ दिनों में मां को खुश करने के लिए जहां उनकी पूजा-अर्चना आवश्यक है,वहीं धार्मिक कर्म-काण्ड करते रहना चाहिए। नवरात्र की सप्तमी और अष्टमी के दिन मां कुमारिका रूप में पूजी जाती हैं। 2 से 9 साल तक की कन्याओं का पूजन करें। अपनी मनचाही इच्छाओं को पूरा करने के लिए कन्याओं को दें उपहार।
ऐसा माना जाता है कि दो से दस वर्ष तक की कन्या देवी के शक्ति स्वरूप की प्रतीक होती हैं। कन्याओं की आयु 2 वर्ष से कम तथा 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। दो वर्ष की कन्या कुमारी, तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति,चार वर्ष की कन्या कल्याणी,पांच वर्ष की कन्या रोहिणी,छह वर्ष की कन्या कालिका,सात वर्ष की चंडिका,आठ वर्ष की कन्या शांभवी,नौ वर्ष की कन्या दुर्गा तथा दस वर्ष की कन्या सुभद्रा मानी जाती है।