- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- धर्म समाचार
- /
- आज जन्माष्टमी पर सही...
आज जन्माष्टमी पर सही विधि से करें बाल कृष्ण की पूजा, ऐसे करें कान्हा की पूजा, जानें मुहूर्त एवं तिथि
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी 11 अगस्त और 12 अगस्त को पड़ रही है। बाल कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस बार तिथि और नक्षत्र में थोड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। इस स्थिति में जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में दो दिन मनाया जाएगा। हालांकि 12 अगस्त का दिन जन्माष्टमी व्रत के लिए सही माना जा रहा है। यदि आप भी व्रत रखना चाहते हैं तो आपकी व्रत की विधि के बारे में जानकरी रखनी चाहिए, ताकि उसमें कोई गलती न हो। आपका व्रत अच्छे से विधि पूर्वक संपन्न हो जाए और उसका पूर्ण फल आपको प्राप्त हो। आज हम आपको जन्माष्टमी के व्रत विधि और पूजा के बारे में बता रहे हैं।
जन्माष्टमी का मुहूर्त और तिथि: 11 अगस्त को अष्टमी तिथि सुबह 9:06 बजे से शुरू होगी। यह तिथि 12 अगस्त तक सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी। वैष्णव जन्माष्टमी की बात करें तो यह 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। बुधवार की रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक श्री कृष्ण की आराधना की जा सकती है। 11 अगस्त 2020 को सूर्योदय के बाद ही अष्टमी तिथि शुरू होगी। इस दिन यह तिथि पूरे दिन और रात में रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हालांकि, इस वर्ष तिथि और नक्षत्र कृष्ण जन्म के अनुसार एक ही दिन पर नहीं हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 9:06 से होगी और 2 अगस्त को दिन में 11:16 मिनट तक रहेगी। वहीं, अगर रोहिणी नक्षत्र की बात करें तो इसकी शुरुआत 13 अगस्त को तड़के 03:27 मिनट से होगी और इसका समापन 05:22 मिनट पर होगा।
जन्माष्टमी का ऐसे करें व्रत:
1. उपवास के दिन सुबह ब्रह्ममुहू्र्त में उठकर स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।
2. यह व्रत आप फलाहार भी कर सकते हैं।
3. हाथ में जल, फल, कुश और गंध लें और व्रत का संकल्प करें।
4. भगवान कृष्ण के लिए झूला बनाएं और उनकी प्रतिमा को उस पर रखें।
5. प्रतिमा को स्थापित करने से पहले बाल-गोपाल को गंगाजल से स्नान कराया जाता है और नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसके बाद ही उन्हें स्थापित किया जाता है।
6. अगर आपके पास मूर्ति नहीं है तो आप चित्र से भी पूजा कर सकते हैं।
7. पूजा के दौरान कृष्ण के साथ देवकी, वासुदेव, बलराम, नंदबाबा, यशोदा और राधाजी को पूजा जाता है।
8. कृष्ण जी को पुष्प अर्पित करें।
9. रात 12 बजे चंद्र को देखकर कृष्ण जी झूला झुलाएं और उनका जन्मोत्सव मनाएं।
10. कृष्ण जी की आरती करें और मंत्रोच्चारण करें।
11. श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाएं।
12. अंत में प्रसाद वितरण करें।