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रमजान का चाँद नहीं दिखा, अब पहला रोजा 7 मई को
मुबारक रमजान के लिए चांद 5 मई को नहीं दिखा. चांद की कोई तस्दीक नहीं होने पर अब रमजान-उल-मुबारक का पहला रोजा 7 मई को होगा, जबकि तरावीह की नमाज 6 मई से पढ़ी जाएगी. चांद नहीं होने की जानकारी मरकजी चांद कमेटी, लखनऊ ने दी. बता दें कि देश के किसी भी कोने से चांद देखे जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक पहले ही 7 मई से रमजान और 5 जून को ईद-उल-फित्र मनाए जाने का ऐलान कर चुके हैं.
चांद के दीदार के लिए मरकजी चांद कमेटी की ओर से ऐशबाग ईदगाह में विशेष इंतजाम किए गए थे. अन्य शहरों से भी चांद नहीं दिखने की तस्दीक होने पर मौलाना खालिद रशीद ने 30 को चांद के मुताबिक मंगलवार से रमजान शुरू होने का ऐलान किया.
कहा जाता है कि रमजान के पाक महीने में सभी मुसलमानों को अल्लाह की इबादत करनी चाहिए, क्योंकि यह महीना सब्र का होता है. इसके अलावा ये भी माना जाता है कि रमजान के महीने में रोजा रख और अल्लाह की इबादत कर इंसान अपने आप को अल्लाह के करीब पाता है. इस पाक महीने में ऐसा करने पर इंसान अल्लाह से अपने किए गए गुनाहों के लिए तौबा मांग सकता है.