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- वो कौन सा श्राप था...
वो कौन सा श्राप था जिसे रावण को राम के वाणों से मरना पड़ा ?
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कुछ ऐसे रोचक तथ्य है जिसे लोग सुन कर अनसुना कर जाते है। वही जब रामयाण की बात होती है तो उसमें रावण का नाम नही आता तो वो अधुरा लगता है। रावण इतना विद्वान पंडित था कि वो महादेव भोले शंकर को भी अपने तपोबल से जीत लिया जीत लिया था। लेकिन रावण की एक गलती से उसकी लंका नगरी काल के गाल में समा गई। और वो भी इससे अच्छुता नही रहा और वो कई लोगों के श्राप के श्रापित होने के कारण अपना प्राण त्याग देता है। जानते है वो कौन से श्राप थे जो रावण को लगा-
नंदी का रावण को श्राप: - वाल्मीकि रामायण के अनुसार एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने कैलाश गया। वहां उसने नंदीजी को देखकर उनके स्वरूप की हंसी उड़ाई और उन्हें बंदर के समान मुख वाला कहा। तब नंदीजी ने रावण को श्राप दिया कि बंदरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।
शूर्पणखा का रावण को श्राप: - वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण की बहन शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था। वो कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। रावण जब विश्वयुद्ध पर निकला तो कालकेय से उसका युद्ध हुआ। उस युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। तब शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को श्राप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा।
तपस्विनी का रावण को श्राप: - वाल्मीकि रामायण के अनुसार एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था। तभी उसे एक सुंदर स्त्री दिखाई दी, जो भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण ने उसके बाल पकड़े और अपने साथ चलने को कहा। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी।
माया का रावण को श्राप : - रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया के साथ भी छल किया था। माया के पति वैजयंतपुर के शंभर राजा थे। एक दिन रावण शंभर के यहां गया। वहां रावण ने माया को अपनी बातों में फंसा लिया। इस बात का पता लगते ही शंभर ने रावण को बंदी बना लिया। उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में शंभर की मृत्यु हो गई। जब माया सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने कहा कि तुमने वासना युक्त होकर मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया। इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई, अत: तुम्हारी मृत्यु भी इसी कारण होगी।