नजरिया

भारतीय इतिहास में आजादी के बाद से 5 अगस्त की तिथि सबसे अहम, जाने इस बार पीएम मोदी क्या करेंगे?

सुजीत गुप्ता
4 Aug 2021 3:49 PM IST
भारतीय इतिहास में आजादी के बाद से 5 अगस्त की तिथि सबसे अहम, जाने इस बार पीएम मोदी क्या करेंगे?
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नई दिल्ली। आने वाले समय में 5 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में आजादी के बाद स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। अब 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 5 अगस्त को अन्न वितरण समारोह शुरू करेंगे। एक दिन में एक करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिलेगा।


सर्जिकल स्ट्राइक

5 अगस्त इसलिए क्योंकि हमारे देश के लिए इस डेट के कई मायने है। 5 अगस्त को ही हमारे जांबाज जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सेना ने अपनी कार्रवाई में आतंकियों के करीब सात लांच पैड को तबाह कर दिया। सेना के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस सर्जिकल स्ट्राइक के समय 125 जवानों में से केवल 35 कमांडो ही कैंप के अंदर गए थे। बाकी कैंप के बाहर थे, जो ऑपरेशन को कवर कर रहे थे, ताकि बाहरी हमले से बचा जा सके। इस दौरान पाकिस्तानी सेना का ध्यान बंटाने के लिए पुंछ व उड़ी सेक्टर पर एलओसी पर फायरिंग भी की गई।


5 अगस्त के दिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया। क्या था धारा 370 के विशेष अधिकार

धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए। इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।

1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता। इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं ख़रीद सकते। भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।

जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय करना ज्यादा बड़ी ज़रूरत थी और इस काम को अंजाम देने के लिये धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार कश्मीर की जनता को उस समय दिए गए थे। ये विशेष अधिकार निचले अनुभाग में दिए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है। जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।

जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। जम्मू-कश्मीर के अंदर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अंदर मान्य नहीं होते हैं।

भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के संबंध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है। जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी;

धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते। कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है। कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है। धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं। धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।


भूमि पूजन कर पीएम मोदी ने रखी राम मंदिर की नींव

5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के बाद शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में मंदिर का शिलान्यास किया। भूमि पूजन में 9 शिलाएं रखी गईं

भूमि पूजन करा रहे पुजारी ने बताया, '1989 में दुनियाभर से श्रद्धालुओं ने ईंटें भेजी थीं। ऐसी 2 लाख 75 हजार ईंटें हैं, जिनमें से 'जय श्रीराम' लिखी हुईं 100 ईंटें ली गई हैं। उनमें से 9 ईंटें यहां रखी हुई। 5 अगस्त की तिथि भारतीय इतिहास में आजादी के बाद से सबसे अहम है।




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