- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
April Fool's Day : जानें क्यों हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है 'फूल डे'
April Fool's Day 2019 एक अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसी को भी बेझिझक होकर बेवकूफ बना सकते हैं जिसका कोई बुरा नहीं मानता. क्योंकि दुनिया के कई देशों में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है. अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से इसे मनाया जाता है. आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में ये दोपहर तक मनाया जाता है. इसके पीछे वजह है कि यहां के अखबार केवल सुबह के अंक में मुख्य पेज पर अप्रैल फूल डे से जुड़े विचार रखते हैं. कुछ देशों- जापान, रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में पूरे दिन अप्रैल फूल डे मनाया जाता है.
दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जहां अप्रैल फूल डे तो मनाया ही जाता है. साथ ही एक दूसरा दिन भी मूर्ख दिवस के रूप में होता है. डेनमार्क में 1 मई माज-काट के रूप में मनाया जाता है. डेनमार्क का माज-काट अप्रैल फूल डे के समान ही होता है. पोलैंड में अप्रैल फूल डे प्राइमा एप्रिलिस के नाम से जाना जाता है. पोलैंड में इस दिन मीडिया और सरकारी संस्थान हाक्स तैयार करते हैं.
पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव भी अप्रैल फूल डे मनाने का कारण हो सकता है. वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है. कुछ लोग इसे हिलारिया त्यौहार से भी जोड़ कर देखते हैं.
पहली कहानी के अनुसार ज्यॉफ्री सॉसर्स ने पहली बार साल 1392 में इसका जिक्र अपनी किताब केंटरबरी टेल्स में किया था. कहा जाता है इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च, 1381 को होने की घोषणा की गई थी जिसे वहां के लोग सही मान बैठे और मूर्ख बन गए, तभी से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है.
दूसरी कहानी के अनुसार सन् 1582 में पोप ग्रेगोरी XIII ने 1 जनवरी से नए कैलेंडर की शुरुआत की. इसके साथ मार्च के आखिर में मनाए जाने वाले न्यू ईयर के सेलिब्रेशन की तारीख में बदलाव हो गया. कैलेंडर की यह तारीख पहले फ्रांस में अपनाई गई. हालांकि, यूरोप में रह रहे बहुत से लोगों ने जूलियन कैलेंडर को ही अपनाया था. इसके एवज में जिन्होंने नए कैलेंडर को अपनाया उन्होंने उन लोगों को फूल (मूर्ख) कहना शुरू कर दिया जो पुराने कैलेंडर के मुताबिक ही चल रहे थे.
हिलारिया एक त्यौहार है जो प्राचीन काल में रोम में मनाया जाता था. इस त्यौहार में देवता अत्तिस की पूजा होती थी. हिलारिया त्यौहार में उत्सव का भी आयोजन किया जाता था. इस उत्सव के दौरान लोग अजीब-अजीब कपड़े पहनते थे. साथ ही मास्क लगाकर तरह-तरह के मजाक करते थे. उत्सव में होने वाली इस गतिविधि के कारण ही इतिहासकारों ने इसे अप्रैल फूल डे से जोड़ दिया.