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Remembering Dilip Kumar | पहली बरसी पर 'ट्रेजडी किंग' दिलीप कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि
दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की आज पहली बरसी है। हिंदी सिनेमा के 'सिकंदर' और सबसे बड़े स्टार रहे दिलीप कुमार ने 7 जुलाई 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था हिंदी सिनेमा में उनका काफी बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कई शानदार फिल्मों में काम किया। दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार ने वो रुतबा हासिल किया था कि लोग उनके नाम के आगे कुमार से ज्यादा साहब जोड़ते थे। वे जहां भी जाते थे, लोगों की नजरें सम्मान से झुक जाती थीं। उनकी अदाकारी ने लोगों के दिलों को छुआ था। पिछले साल 7 जुलाई को उन्होंने जब दुनिया को अलविदा कहा तो सभी की आंखें नम हो गईं।
मैं कोई पत्थर नहीं इन्सान हूं, कैसे कह दूं गम से घबराता नहीं
इस हकीकत को पर्दे पर बयान करने का हौसला रखने वाले हरदिल अजीज अदाकार युसुफ खान जो दिलीप कुमार के नाम से मशहूर हुए आज ही के दिन एक साल पहले दुनिया ए फानी से रुखसत हो गए और अपने चाहने वालों को गहरा सदमा दे गये। दिलीप साहब की बेगम और मशहूर अदाकारा सायरा बानो फरमाती हैं के आज भी नींद से बेदार होती हूं तो फिर तकिये में मुंह छिपा लेती हूं कि शायद दोबारा जब आंख खुले तो मेरे शौहर मेरे सामने हों, मैं अपने आप को खुशकिस्मत औरत समझती हूं कि मेरा यूसुफ मेरे साथ 56 साल रहा.
शहंशाह ए जज्बात दिलीप कुमार की पहली बरसी पर कहे गए सायरा बानो के ये अल्फाज़ वाकई एक हकीकत की तर्जुमानी करते हैं की सायरा बानो जैसा खुशकिस्मत कौन हो सकता है जिन्हें दिलीप कुमार जैसी शख्सियत का 56 साल का साथ मिला हो। दिलीप साहब को दुनिया से गए एक साल मुकम्मल हो गया है लेकिन उनकी यादें, उनकी अदाकारी, उन पर फिल्माए गीत और उनके डायलॉग ऐसे ही मौजूद हैं जैसे आज भी सबके सामने वो खुद भी मौजूद हों।
मुगले आज़म का शहजादा सलीम आज भी लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। ये बात बिल्कुल ऐन हकीकत है कि दिलीप साहब की शख्सियत खूलूस, मुहब्बत, मेहनत, आर्ट का मजमुआ थी, वह खुद कहा करते थे कि आदमी की पहचान ही उसका सबसे बड़ा इम्तिहान है। दिलीप साहब ने अपनी तवील फिल्मी जिंदगी में सिर्फ 63 फिल्मों में काम किया लेकिन एक्टिंग की दुनिया में नये मेयार कायम किए और स्कूल आफ एक्टिंग का खिताब हासिल किया। दिलीप साहब पर फिल्माए एक एक गीत को लोग ऐसे ही याद रखते हैं जैसे वो गीत आज ही फिल्माए गए हों। स्पेशल कवरेज न्यूज इस महान कलाकार को खिराजे अकीदत पेश करता है और दुआ करते हैं कि अल्लाह दलीप साहब को जन्नत में जगह अता फरमाए।
प्रस्तुति: माजिद अली खां, अरुण मिश्रा