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शॉर्ट वीडियो ऍप VMate क्रिएटर्स कर रहे हैं कोरोना लॉकडाउन मे असहाय लोगों की मदद
दुनियाभर के लगभग 185 देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोविड-19 और कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को 3 सप्ताह के लिए घोषित लॉकडाउन की अवधि लगभग पूरी होने वाली है लेकिन इस बीच, राज्य सरकारों तथा विशेषज्ञों की राय के चलते लॉकडाउन को आगे बढ़ाने संबंधी अटकलें भी शुरु हो चुकी हैं। वायरस जनित महामारी और लॉकडाउन का असर बेशक सभी पर पड़ रहा है लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित वह तबका हुआ है जो इसकी वजह से अपनी आजीविका से हाथ धो बैठा है और अपने रोज़मर्रा की जिंदगी को चलाने लायक ज़रूरी चीज़ें भी उसे नसीब नहीं हो रही हैं। इस स्थिति के सामने आते ही सरकारी एजेंसियां और अधिकारीगण तथा कितने ही लोग व्यक्तिगत स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई बच्चा भूखा न सोए और न ही कोई बुजुर्ग खाली पेट रहे।
ऐसे कई लोगों ने शॉर्ट वीडियो ऍप VMate पर इस तरह के कई वीडियो अपलोड किए हैं जिनमें उन्हें जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन वितरित करते हुए दिखाया गया है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने दूसरे लोगों को इस प्रकार की परोपकारी गतिविधियों में लगे हुए दिखाया है। प्लेटफार्म पर देशभर के अलग-अलग भागों से वीडियो शेयर किए गए हैं और इनमें यह साफतौर से देखा जा सकता है कि किस प्रकार न सिर्फ सरकारी अधिकारी, बल्कि सामान्य जन भी भारत के गांवों और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच जाकर भोजन वितरित कर रहे हैं।
शॉर्ट वीडियो ऍप VMate के एक यूज़र शादाब अली ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह बच्चों तथा अन्य ग्रामीणों को कैश तथा बिस्किट के पैकेट बांट रहा है। यहां तक कि वह बिस्किट के पैकेट और कैश देने से पहले हरेक के हाथों पर सैनीटाइज़र छिड़कते हुए भी दिखायी दे रहा है। इसी तरह, बिहार के भागलपुर के एक अन्य क्रिएटर ने भी बच्चों तथा अन्य ग्रामीणों को फूड पैकेट बांटते हुए अपना वीडियो शेयर किया है। VMate के अन्य क्रिएटर्स जैसे मुहम्मद कासिम और अंश जैन ने उन लोगों के वीडियो शेयर किए हैं जो लॉकडाउन के दौरान आवश्यक भोजन जुटाने में असमर्थ गरीबों की मदद कर रहे हैं।
चंडीगढ़ के एक क्रिएटर सनी विर्दी ने एक ह़दयस्पर्शी वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में उनकी मां एक ऐसे बुजुर्ग को खाना और चाय दे रही हैं जो पिछले दो दिनों से अपने लिए भोजन नहीं जुटा सके थे। इस वीडियो में सनी सभी दर्शकों से अपील कर रहे हैं कि वे संकट की इस घड़ी में उन लोगों की मदद ज़रूर करें जिनके पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं हैं या पेट में डालने को भोजन नहीं है।
इसके अलावा, यूज़र्स ने दूसरे लोगों के वीडियो भी शेयर किए हैं जो भोजन वितरित करने के परोपकारी काम में जुटे हुए हैं और कई असहाय लोगों के जीवनरक्षक साबित हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 परगना जिले के एक यूज़र ने एक स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का वीडियो अपलोड किया है जो गांव में पका भोजन बांट रहे हैं।
राजस्थान के एक क्रिएटर अवधेश दीक्षित ने कुछ ऐसे लोगों को फिल्माया है जो अपने वाहन में अनाज के पैकेट भरकर गांववालों को वितरित करने के लिए निकले हैं। अनाज के इन पैकेटों को ले रहे कई बुजुर्गों को वीडियो में देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में वही सदाबहार गीत सुनाई दे रहा है जो हमेशा से हमारा मनोबल ऊपर करता आया है – 'हम होंगे कामयाब'।
यह पहला अवसर नहीं है जबकि यूज़र्स ने शॉर्ट वीडियो ऍप VMate, जो कि ग्रामीण भारत का टिकटॉक कहलाती है, का इस्तेमाल कर देश के दूरदराज के इलाकों में इस संकट से जूझते भारत की तस्वीरें साझा की हैं। इससे पहले भी क्रिएटर्स यह दिखाते रहे हैं कि किस प्रकार सरकारी एजेंसियां देहातों में गुजर-बसर करने वाले लाखों लोगों तक पहुंचने के लिए प्रयासरत रही हैं। ऍप पर शेयर किए जाने वाले वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह लाउडस्पीकरों से साइकिलों तथा ऑटोरिक्शाओं के जरिए सूचनाओं का प्रसार किया गया है।
VMate ने इस महामारी तथा लॉकडाउन की स्थिति में आम जनता की सहायता के लिए अपने स्तर पर भी कई उपाय किए हैं। VMate ने कई डॉक्टरों तथा चिकित्सा पेशेवरों के साथ तालमेल कर नॉवेल कोरोनावायरस से संबंधित जानकारी अपने यूज़र्स तक पहुंचायी। इसके अलावा, ऍप ने अपने प्लेटफार्म पर एक प्रोफाइल 'मिथ बस्टर' भी लॉन्च की है जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पुष्टि के बाद कोरोनावायरस संबंधी सूचनाओं को शेयर किया जाता है। ऍप पर यूज़र्स की सुविधा के लिए, स्पष्ट हिंदी भाषा में ऑडियो तथा इलस्ट्रेशंस/एनीमेशंस के साथ सही तरीके से उपयुक्त संदेशों को प्रसारित किया गया है। साथ ही, लोगों को लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में व्यस्त रखने और उनका मनोरंजन करने के लिए ऍप ने #21DaysChallenge भी शुरु किया है तथा महामारी के बारे में आम जनता की जागरूकता बढ़ाने के लिए तीन गेम्स भी लॉन्च किए हैं।