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Krishna Janmashtami Puja : जानिए- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें- मंत्र और पूजा विधि
आज श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव है। रात के आठवें मुहूर्त में भगवान का जन्म हुआ था, इसलिए आज रात 12.05 के बाद 12:45 तक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा और इस्कॉन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्म पर्व मनेगा। लोग अपने घरों में भी इस समय कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। आधी रात के मुहूर्त के साथ ही पूजा के लिए दिनभर में कुल पांच मुहूर्त रहेंगे। इस त्योहार पर आठ बड़े शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसा पिछले 400 सालों में नहीं हुआ। इसलिए ये जन्माष्टमी पर्व बहुत खास है। जानते हैं क्या है जन्माष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा में किन सामग्रियों को करें शामिल।
जन्माष्टमी पूजा सामग्री सूची
जन्माष्टमी की पूजा के लिए पहले से ही पूजा सामग्रियों को एकत्रित कर लें। कान्हा के लिए झूला या पालना, भगवान कृष्ण की मूर्ति या प्रतिमा, बांसुरी, नए वस्त्र, आभूषण (मुकुट, कुंडल, पाजेब और माला जैसी चीजें), तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, कलश, हल्दी, छोटी इलायची, पान, सुपारी, सिक्के या रुपए, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, नायिरल, कुमकुम, लौंग, मौली, इत्र, सिंहासन, गंगाजन, दीया, सरसों का तेल या घी, रुई की बत्ती, अगरबत्ती, धूपबत्ती, फल (खीरा, सेब, मीठा, नींबू, नाशपाती, अमरूद), कपूर व इत्यादि।
जन्माष्टमी पर इन मंत्रों का करें जाप
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ॐ कृष्णाय वायुदेवाय हरये परमात्मने..
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय मनो नम:..
ॐ श्रीं नम: श्री कृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा गोकुल नाथाय नम:
श्रीकृष्ण के पसंदीदा आठ फूल और पत्ते
फूल: वैजयंती, कमल, मालती, गुलाब, गेंदा, केवड़ा, कनेर और मौलश्री (बकुल)
पत्र: तुलसी, बिल्वपत्र, अपामार्ग, भृंगराज, मोरपंख, दूर्वा, कुशा और शमी
लड्डू गोपाल को इन चीजों का लगाएं भोग
माखन और मिश्री- माखन और मिश्री दोनों ही चीजें श्रीकृष्ण की प्रिय है. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को इन दोनों ही चीजों का भोग जरूर लगाएं. इसमें तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल जरूर करें.
धनिया पंजीरी- जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को धनिया पंजीरी का भोग लगाया जाता है. इसके लिए धनिया पाउडर में काजू, बादाम, मिश्री और घी को मिलकर मिक्स कर लें और कान्हा को भोग लगाएं. इसमें भी तुलसी पत्र को जरूर शामिल करें.
मखाने की खीर- श्रीकृष्ण को मखाने वाली खीर बहुत पसंद है. ऐसे में जन्माष्टमी पर कन्हैया को मुलसी पत्र मिलाकर खाने और मेवे वाली खीर का भोग लगाएं.
पंचामृत- जन्माष्टमी पर पंचामृत के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है और प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है. इसमें तुलसी पत्र को जरूर शामिल करें.
मखाना पाग- मखाना पाग को जन्माष्टमी के मौके पर ही तैयार किया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को इसका भोग जरूर लगाएं.
आटे की पंजीरी- माना जाता है कि आटे की पंजीरी भगवान श्रीकृष्ण को बहुत पसंद है, इसलिए धनिया और आटे दोनों की पंजीरी का भोग कान्हा को जरूर लगाएं.