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- अथ श्री डिप्रेशन कथा...
अथ श्री डिप्रेशन कथा की दूसरी सीरीज: जिया की मौत और राज किरण को निगल गया हाउस ऑफ हॉरर फिर परवीन बॉबी को कैसे लगा डिप्रेशन का डंक?
राज किरण को निगल गया हाउस ऑफ हॉरर !!
- भट्ट की पहली कामयाब फिल्म अर्थ में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले राज किरण को 90 के दशक में आखिरी बार इसी डॉक्टर के हॉरर हाउस कहे जाने वाले हस्पताल में देखने की जानकारी महेश भट्ट ने ही दी थी। इसके बाद आज तक राज किरण को फिर किसी ने नहीं देखा। बकौल भट्ट, उस हस्पताल में राज किरण के डिप्रेशन का इलाज भट्ट के जिगरी दोस्त डॉक्टर युसुफ कर रहे थे।
- राज किरण के इस हॉस्पिटल से लापता हो जाने से कुछ अरसा पहले मीडिया को भट्ट ने बताया था कि परवीन बॉबी के पूर्व प्रेमी कबीर बेदी ने उस समय के एक विवादित मगर बेहद ताकतवर आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा से भट्ट को मिलवाया था। उसी समय भट्ट LSD के नशे के शिकार थे और उनका दावा था कि सत्य साईं बाबा ने ही उन्हें इस नशे से मुक्ति दिलाई थी।
- इस हस्पताल में पहुंचकर लापता होने से पहले राज किरण महेश भट्ट के उन्हीं आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के आश्रम में शराब के नशे में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे। इसके कारण उन्हें एक महीने की जेल भी काटनी पड़ी थी।
- मीडिया को भट्ट ने बताया था कि परवीन बॉबी के पूर्व प्रेमी कबीर बेदी ने सत्य साईं बाबा से उसी दौर में भट्ट को मिलवाया था। उस समय भट्ट LSD के नशे के शिकार थे और उनका दावा था कि सत्य साईं बाबा ने ही उन्हें इस नशे से मुक्ति दिलाई थी।
- नशे में आश्रम में घुसने की इस घटना से पहले राज किरण भी थे सत्य साईं बाबा के ही मुरीद. फिर मोह भंग होने के कारण कहने लगे थे बाबा को भला बुरा। लगाए थे कई संगीन आरोप भी।
- सत्य साईं बाबा के खिलाफ की जा रही राज किरण की इस हरकत से महेश भट्ट काफी आहत हुए थे।
- फिर उसी के बाद महेश भट्ट ने राज किरण के डिप्रेशन के शिकार होने की खबर मीडिया और इंडस्ट्री के बीच सबको बताई थी
- राज किरण के अचानक लापता हो जाने के बरसों बाद राज किरण की को स्टार रहीं दीप्ति नवल ने एक दिन जब राज किरण के लापता हो जाने की जानकारी देते हुए उनका पता लगाने की मुहिम सोशल मीडिया पर छेड़ी
- तो उसी के बाद अचानक ऋषि कपूर के जरिए मीडिया को यह मिली कि राज किरण डिप्रेशन के इलाज के लिए अमेरिका के किसी अस्पताल में भर्ती हैं
- मगर इसकी पुष्टि कभी नहीं हो पाई. खुद ऋषि कपूर भी अपने जीते जी इस खबर की सच्चाई की पुष्टि नहीं कर पाए। उन्हें यह जानकारी किसी के जरिए पहुंचाई गई थी।
- राज किरण के अमेरिका में होने के बारे में जब भट्ट से पूछा गया तो उन्होने इस पर ज्यादा ध्यान न देते हुए बस इतना कहा कि वह जहां भी होंगे शांति से होंगे. हालांकि इस मौके पर भी उन्होंने राज किरण के गहरे डिप्रेशन का दावा करते हुए कहा कि जिस दशा में उनका डिप्रेशन पहुंच गया था, अमेरिका जैसे देश में उन्हें कहीं न कहीं कैद ही कर लिया गया होगा।
परवीन बॉबी को कैसे लगा डिप्रेशन का डंक?
- भट्ट जब स्ट्रगलर थे और परवीन बॉबी फिल्म इंडस्ट्री की सुपरस्टार थीं तो परवीन बॉबी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने के कारण ही भट्ट के पांव फिल्म इंडस्ट्री में मजबूती से जम पाए थे
- परवीन बॉबी से अपने रिश्ते को आधार बनाकर भट्ट ने अर्थ फिल्म बनाई, जो जबरदस्त कामयाब रही। इस कामयाबी को पाते ही भट्ट ने परवीन बॉबी का साथ छोड़ दिया और अपनी पत्नी किरण भट्ट के पास लौट गए।
- भट्ट ने परवीन बॉबी का साथ छोड़ने के लिए पहले तो उनके डिप्रेशन का शिकार होने का ढिंढोरा जमकर पीटा, फिर इसकी जानकारी भट्ट ने परवीन बॉबी के पूर्व प्रेमी डैनी को बार-बार बुला कर या कई बार बता कर भी दे दी ताकि डैनी के जरिए दुनिया में यह बात फ़ैल जाए।
- सवाल यह उठता है कि आखिर परवीन बॉबी के डिप्रेशन की कोई खबर महेश भट्ट से पहले किसी और ने क्यों नहीं दी? आखिर इतनी बड़ी सुपरस्टार हीरोइन एक स्ट्रगलर महेश भट्ट के संपर्क में आने के बाद ही डिप्रेशन में क्यों आईं? क्यों इससे पहले फिल्मी जगत के और भी उनके दोस्त या प्रेमी रहे किसी इंसान को परवीन बॉबी का डिप्रेशन नजर नहीं आया?
- बहरहाल, परवीन बॉबी को सीढ़ी बनाकर जोरदार कामयाबी हासिल कर लेने के बाद, परवीन बॉबी के डिप्रेशन में आने को वजह बनाकर महेश भट्ट ने परवीन को तन्हा छोड़ दिया। फिर उसके बाद बरसों तक परवीन बॉबी और महेश भट्ट में कोई संपर्क नहीं रहा।
- बरसों तक अकेले रहने के बाद फिर 2003 में परवीन बॉबी ने 1993 में हुए मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट में दाऊद गिरोह के साथ मिलकर संजय दत्त के शामिल होने के सबूत अपने पास होने का दावा कोर्ट में किया लेकिन पीछे हट गई
- उसके कुछ समय बाद ही संदिग्ध अवस्था में उनकी लाश मिलने से मची थी सनसनी. बरसों तक उनसे न मिलने वाले भट्ट ने मौत के तुरंत बाद वहां पहुंचकर उनकी लाश लेने के लिए उनका सबसे करीबी इंसान व प्रेमी होने का दावा किया। फिर उसके बाद से लेकर अभी तक बढ़चढ कर मीडिया के सामने परवीन बॉबी से अपनी नजदीकी और उनके डिप्रेशन की कहानियां सुनाई। परवीन बॉबी के ऊपर फिल्में भी बनाईं। कंगना रनौत के शब्दों में कहें तो जीते जी परवीन बॉबी को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाए रखने वाले महेश भट्ट ने उनकी मौत के बाद भी उनके साथ अपने रिश्ते को बेच बेच कर खूब पैसे बनाए।
जिगरी डॉक्टर से मिलकर बदला जिया की मौत का सच !!
- सोलह साल की उम्र में ही महेश भट्ट और मुकेश भट्ट की फिल्म तुमसा नहीं देखा से जिया मुम्बई के फिल्मी जगत में लॉन्च होने जा रही थीं। लेकिन महेश भट्ट फिल्म में जिया को बिकनी के नाम पर जो पहनाने की कोशिश कर रहे थे, उससे नाराज होकर जिया खान ने फिल्म बीच में ही छोड़ दी थी। बाद में निशब्द फिल्म से राम गोपाल वर्मा की मेहरबानी से जिया फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च हो गईं। जाहिर है, महेश भट्ट अपनी फिल्म के साथ जिया के इस बर्ताव से नाराज़ तो हुए होंगे लेकिन उन्होंने कभी नाराज़गी जाहिर नहीं की। हैरत तो इस बात की है कि जिया की मौत के तुरंत बाद महेश भट्ट ही घटनास्थल पर पहुंचे थे.
- घटनास्थल पर ही मौजूद मीडिया के सामने भट्ट ने पूरे यकीन के साथ बयानबाजी करते हुए पुलिस जांच के नतीजे आने से पहले ही उसे डिप्रेशन से हुई आत्महत्या साबित कर दिया। फिर जिया खान के मामले को आधार बनाकर भट्ट ने छेड़ दिया था इंडस्ट्री में अन्य किसी अभिनेता- अभिनेत्री को डिप्रेशन से जिया खान के 'अंजाम' यानी आत्महत्या तक न पहुंचने के लिए एंटी सुसाइड बुकलेट लाने का अभियान
- मीडिया में इंटरव्यू देकर भट्ट ने यह दावा भी किया था कि 'आत्महत्या' से कुछ दिन पहले जिया खान भी उसी तरह भट्ट के पास काम मांगने आई थीं और काम न मिल पाने के कारण गहरे डिप्रेशन में थीं, जैसा दावा भट्ट और मुकेश भट्ट ने सुशांत को लेकर भी अभी हाल ही में किया है।
- आत्महत्या से बचाव के लिए फिल्म इंडस्ट्री में छेड़े अपने उसी अभियान के तहत महेश भट्ट ने हॉरर हाउस अस्पताल चलाने वाले अपने इसी जिगरी यार डॉक्टर को सौंपा था फिल्म इंडस्ट्री में डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने से बचने का उपाय सबको सुझाने का जिम्मा। खुद डॉक्टर और महेश भट्ट ने दी थी इसकी जानकारी कि महेश भट्ट ने ही डॉक्टर युसुफ को यह बीड़ा सौंपा है।
- इस अभियान के तहत हॉरर हॉस्पिटल के इस डॉक्टर ने जब डिप्रेशन और आत्महत्या से बचाव के लिए बाकायदा एक एंटी सुसाइड गाइड बुक जारी की। गाइड बुक में डॉक्टर युसुफ समेत मुंबई के पंद्रह मनोचिकित्सकों के नम्बर भी दिए गए थे।
- इस गाइड से उन्होंने उस समय अपने दो मकसद साधे। पहला तो यह कि किसी जांच की जरूरत नहीं, जिया ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या ही की है। इस गाइड बुक की प्रस्तावना में भी उन्होंने लिखा- जिया खान ने मानसिक विक्षिप्तता की अवस्था में आत्महत्या कर ली। इसलिए इंडस्ट्री में सभी को अपनी मेंटल हैल्थ के लिए इस गाइड बुक में दिए गए डॉक्टर्स के संपर्क में रहना चाहिए।
- दूसरा मकसद पूरा करने के लिए इस गाइड बुक को आज से छह सात साल पहले उन्होंने अपनी बिटिया अलिया भट्ट से लॉन्च करवाया। दरअसल, इसी बहाने लॉन्च तो उन्हें अलिया भट्ट को करना था। जिया खान की आत्महत्या के एक साल पहले ही करण जौहर अपनी फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर में उन्हें लॉन्च तो कर चुके थे। लेकिन इंडस्ट्री में अलिया को बड़ी पहचान नहीं मिल सकी थी।
- यानी जिया की आत्महत्या को भी उन्होंने एक गाइड बुक लॉन्च करने के बहाने एक ऐसे इवेंट में बदल दिया, जिससे उन्हें अपनी बेटी अलिया का करियर आगे बढ़ाने में मदद मिले। परवीन बॉबी के डिप्रेशन और आत्महत्या को आधार बनाकर महेश भट्ट के पास खुद आगे बढ़ने का पुराना अनुभव था ही। इसलिए जिया खान के डिप्रेशन और आत्महत्या को आधार बनाकर बिटिया को भी कामयाब बनाने का हुनर उन्होंने उस वक्त दुनिया को दिखा दिया।
- जिया खान के मरने के महज एक साल के भीतर करण जौहर की मदद से महेश भट्ट ने अलिया भट्ट को बड़ा स्टार बना दिया। करण जौहर ने तब से लेकर अब तक एक के बाद एक अपनी कुल 10 फिल्मों में अलिया को मुख्य भूमिका में लिया है।
- डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर लेने से बचाव को लेकर बनाई गई इस एंटी सुसाइड गाइड बुक का फिल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेता- अभिनेत्रियों ने किया था विरोध। विरोध करने वाले उन सभी अभिनेता - अभिनेत्रियों का कहना था कि डिप्रेशन तो हर फील्ड में है लेकिन महेश भट्ट इस तरह जिया खान का एग्जाम्पल देकर पूरी फिल्म इंडस्ट्री को डिप्रेस्ड या आत्महत्या के लिए आतुर क्यों साबित करने पर तुले हैं?
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