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सुशांत की बहनों के बयान आए सामने, मुंबई पुलिस से कही थीं ये बातें...क्या हुआ था 14 जून को?
मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत मामले में उनकी बहनों का बयान सामने आ गया है. सुशांत की तीन बहनों नीतू, मीतू और प्रियंका ने ये माना है कि सुशांत लॉकडाउन में अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. तीनों बहनों ने पुलिस को बताया है कि सुशांत ने साल 2013 में साइकेट्रिस्ट को दिखाया था. सुशांत की बहन मीतू सिंह ने इस बात का खुलासा भी किया है कि सुशांत की मौत के दिन 14 जून को क्या हुआ था.
मुंबई पुलिस को सुशांत की बहन नीतू सिंह का बयान
सुशांत की बहन नीतू सिंह ने अपने बयान में कहा - अक्टूबर 2019 को सुशांत ने मुझे और पूरे परिवार को बोला था कि वो अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं. इसीलिए मैं, मेरे पति और मेरी बहनें सुशांत से मुंबई के फ्लैट नं 601, माउंट ब्लैंक बिल्डिंग, जॉगर्स पार्क बांद्रा वेस्ट में मिलने गए थे. सुशांत अपने फिल्मी करियर में उतार चढ़ाव देख रहे थे, जिसकी वजह से वो बुरा महसूस कर रहे थे. मैंने उन्हें कहा कि मेरे साथ दिल्ली आ जाओ. उन्होंने मुझे कहा कि वो कुछ दिन बाद आएंगे.
नवम्बर 2019 में मेरा भाई सुशांत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था और इसके लिए उसने हिंदुजा अस्पताल के कर्सी चावड़ा से इलाज करवा रहे था. मार्च 2020 को कोरोना के चलते वो अपने घर पर रह रहा था, किताबें पढ़ रहा था, एक्सरसाइज कर रहा था और योग और ध्यान कर रहा था.
सुशांत की बहन प्रियंका का बयान
एक्टर की बहन प्रियंका सिंह ने मुंबई पुलिस को दिए बयान में कहा था- 2013 में मेरे भाई सुशांत सिंह राजपूत ने मुझे और मेरी बहनों को बताया था कि उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है. जब हमने उसे मनाया तो वो इससे बाहर आ गया था. 2013 में उसने एक अंधेरी के एक साइकेट्रिस्ट से मुलाकात की थी. इसके बाद वो ठीक हो गया और उसका करियर भी अच्छा चलने लगा. थोड़े से ही समय में उन्होंने बड़े सफलता पा ली थी.
अक्टूबर 2019 में उसने पूरे परिवार को बताया था कि उसे अच्छा नहीं लग रहा है तो मैं, मेरे पति और बहने हमारे भाई सुशांत से मुंबई के फ्लैट नं 601, माउंट ब्लैंक बिल्डिंग, जॉगर्स पार्क बांद्रा वेस्ट में मिलने गए थे. नवम्बर 2019 में सुशांत को अच्छा महसूस नहीं हो रहा था और वे हिंदुजा अस्पताल के डॉक्टर कर्सी चावड़ा से अपना इलाज करवा रहे थे.
प्रियंका ने आगे बताया- 4 जून 2020 को मैंने अपने भाई सुशांत को कॉल किया था और पूछा कि उसने पिछले चार-पांच दिन से फोन क्यों नहीं किया. उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था. मैंने उसे उस समय बोला कि लॉकडाउन के खत्म होने पर मैं उससे आकर मिलूंगी.
मेरी बहन मीतू सिंह, भाई सुशांत से मिलने आई थी और 4 से 5 दिनों तक उनके साथ रही थीं. 12 जून 2020 को मेरी बहन मीतू सिंह अपने घर गुरुग्राम वापस गई थी. उसे कुछ काम था.
बहन मीतू सिंह ने मुंबई पुलिस को दिया बयान
मीतू सिंह ने कहा- मेरे छोटे भाई सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2006 में इंजीनियरिंग पास की थी और फिर वो टीवी सीरियल्स में काम करने लगा था. टीवी में सफल होने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया था. मेरे भाई सुशांत ने कई फिल्मों में काम किया है. मैं अपने पति और बच्ची के साथ साल 2018 से मुंबई में रहने लगी थी. मुंबई आने के बाद मैंने सुशांत से कई बार मुलाकात की थी.
अक्टूबर 2019 में उसने हमारे पूरे परिवार को बताया था कि वो अच्छा महसूस नहीं कर रहा है इसलिए मेरी बहनें नीतू सिंह और प्रियंका सिंह और मैं, मेरे भाई से मिलने उसके मुंबई के फ्लैट नं 601, माउंट ब्लैंक बिल्डिंग, जॉगर्स पार्क बांद्रा वेस्ट में मिलने गए थे. हम सभी बहनें उसके साथ कुछ समय तक रही थीं और उसे समझाने की कोशिश की थी. मेरा भाई सुशांत प्रोफेशनल उतार-चढ़ाव के चलते निराश महसूस कर रहा था. मेरी बहन नीतू सिंह ने कहा था कि उसे उनके साथ दिल्ली आना चाहिए जिस पर सुशांत ने कहा था कि वो कुछ दिनों के बाद आएगा.
नवम्बर 2019 में मेरा भाई सुशांत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था और इसके लिए उसने हिंदुजा अस्पताल के कर्सी चावड़ा से इलाज करवा रहे था. मार्च 2020 को कोरोना के चलते वो अपने घर पर रह रहा था, किताबें पढ़ रहा था, एक्सरसाइज कर रहा था और योग और ध्यान कर रहा था.
8 जून को सुशांत ने मिलने बुलाया था: मीतू
8 जून 2020 की सुबह मुझे मेरे भाई सुशांत का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मैं उसे मिलने के लिए उसके पास आ जाऊं. मैं सुशांत के पास उस दिन शाम साढ़े पांच बजे पहुंची थी. जब मैं उसके पास गई, वो काफी शांत था और जब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा कि वो लॉकडाउन के कारण कहीं जा नहीं पा रहा है और इसके चलते वो काफी बोर हो रहा है. उसने मुझसे कहा था कि जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो दक्षिण भारत घूमने जाएगा. सुशांत ने मुझसे कहा था कि मुझे उसके पास कुछ दिन रुक जाना चाहिए.
14 जून को मैंने अपने भाई सुशांत को सुबह 10.30 बजे कॉल किया था लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया. मैंने सिद्धार्थ पिठानी को कॉल किया जो सुशांत के साथ ही रहता था. उसने मुझे कहा था कि सुशांत ने नारियल पानी का जूस और अनार का जूस लिया है और वो शायद सो रहा है. उसने फिर दरवाजे को खटखटाया लेकिन दरवााजा अंदर से बंद था.
मैंने कहा कि सुशांत कभी दरवाजा अंदर से लॉक नहीं करता है और मैंने उसे कहा कि वो दोबारा दरवाजा खटखटाए. मैंने उसे ये भी कहा कि सुशांत को बता दे कि मैं उसे कॉल कर रही हूं. सिद्धार्थ ने इसके बाद मुझे बताया कि उसने कई बार सुशांत के बेडरूम के दरवाजे को खटखटाया है लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला है और इसलिए वो इस दरवाजे की चाबी बनाने वाले को कॉल कर रहा है ताकि दरवाजे को खोला जा सके. मैं सिद्धार्थ के इस कॉल के बाद फौरन गोरेगांव से बांद्रा के लिए कैब से रवाना हो गई थी.
टैक्सी से आते हुए, मुझे सिद्धार्थ का कॉल आया और उसने मुझे बताया कि सुशांत का दरवाजा खोल लिया गया है और सुशांत पंखे से लटका हुआ है. तब मैंने उसे नीचे उतारने के लिए कहा और सिद्धार्थ और उसके सहकर्मियों ने सुशांत की बॉडी को चाकू से कुर्ते को फाड़कर उतारा. उसने पुलिस को भी कॉल किया और बांद्रा पुलिस के लोग वहां पहुंचे थे. मैंने इस घटना के बारे में मैंने अपनी बहन नीतू और प्रियंका को बताया.