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सुशांत मामला बनेगा खुदकुशी का 'ओपन सीक्रेट' !
आज अगर ऐम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या ही की थी तो सुशांत मामला पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लेकिन कई सवाल अभी भी अनसुलझे रह जाएंगे। मसलन, अगर सुशांत ने आत्महत्या की थी तो ऐसी क्या वजह थी कि खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख, पुलिस कमिश्नर, शिव सेना और संजय राउत समेत पूरा राज्य सरकार का अमला सीबीआई जांच या बिहार पुलिस की जांच का विरोध कर रहा था?
सवाल यह भी अनसुलझा रह जाएगा कि आखिर कूपर हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम में मौत का समय आदि जैसी अहम बातें न बताने की हरकत जानबूझ कर की गईं या इतने सनसनीखेज मामले में भी ऐसी भयंकर खामियां हो गईं? सवाल यह भी दबा ही रह जाएगा कि मुंबई पुलिस ने जांच के नाम पर सत्तर दिनों तक कुछ भी क्यों नहीं किया? किसी भी संदिग्ध की कॉल डिटेल निकलवा कर उनसे कड़ी पूछताछ क्यों नहीं की? सुशांत की बिल्डिंग के सीसीटीवी या आसपास के सीसीटीवी में क्या निकला? 13-14 जून को सुशांत के घर के आसपास किसके मोबाइल नंबर एक्टिव थे?
सवाल ये भी अनसुलझे ही रहेंगे कि चैनल पर आकर चश्मदीद होने का दावा करके दिशा की पार्टी में उसकी हत्या/ गैंगरेप का खुलासा करने वाला व्यक्ति कौन है? वह चश्मदीद कौन है, जिसने रिया के साथ सुशांत को 13 जून की रात तीन बजे देखे जाने का दावा किया? पूर्व मुख्यमंत्री राणे व उनके विधायक पुत्र ने जो खुलासे किए, उससे जुड़े हर सवाल अधूरे ही रह जाएंगे।
सुशांत के स्टाफ और रिया आदि आरोपियों का नार्को या लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं हुआ, यह भी सवाल यूं ही बिना जवाब के तैरता रह जाएगा।
बहरहाल, ऐम्स की रिपोर्ट लंबे समय तक लटकी रही और ऐम्स के साथ - साथ सीबीआई भी काफी दिनों तक अपनी जांच रोककर मौन साधे रही। लेकिन ठाकरे के खासमखास सिपहसालार संजय राउत इसी बीच भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से लंबी मीटिंग करते पाए गए। यही नहीं, जिस सीबीआई से ठाकरे सरकार और रिया खेमा खौफ खा रहा था, अचानक इस मीटिंग के बाद एनसीबी से ड्रग्स मामला लेकर सीबीआई को ही दिए जाने की गुहार लगाने लगा।
जाहिर है, ये सारे घटनाक्रम साफ इशारा कर रहे हैं कि अब ऐम्स की रिपोर्ट में खुदकुशी ही निकल कर आने वाली है। इसके बाद सुशांत मामला हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। फिर इन सभी सवालों के जवाब अब कभी भी मिल नहीं पाएंगे। लेकिन बिहार चुनाव में मतदान होने के बाद अगर महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार गिर जाती है और भाजपा फिर से एक बार शिव सेना के साथ मिलकर सरकार बना लेती है तो सब कुछ साफ भी हो जाएगा। इन सवालों के जवाब क्या हैं और क्यों इनके जवाब जनता के सामने नहीं लाए गए , यह भी बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगा। कुछ राज ऐसे ही होते हैं, जिनका सच पता सभी को होता है मगर उसे अपनी जुबान पर लाता कोई नहीं है। ऐसे ही राज को शायद बोलचाल की भाषा में लोग ओपन सीक्रेट कहकर पुकारते हैं...