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अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा दिलीप कुमार को दी गयी श्रद्धांजलि
लखनऊ। जब तक दिलीप कुमार जी हमारे दिलों में रहेंगे हमें एहसास होता रहेगा कि राष्ट्रीयता क्या है, समाजवादी विचार क्या है. दिलीप कुमार आधुनिक भारत के शिल्पकार पण्डित नेहरू के पसंदीदा अभिनेता थे.ये बातें पूर्व केंद्रीय मन्त्री श्री मणिशंकर अय्यर ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा दिलीप कुमार के निधन पर आयोजित श्रधांजलि वेबिनार में कहीं. श्री अय्यर ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए नेहरू जो काम आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था के क्षेत्र में कर रहे थे दिलीप कुमार वही काम अपनी फिल्मों में कर रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे ने कहा कि नेहरू का युग आशा का युग था. हमारे सिनेमा, कला, पेंटिंग और साहित्य में यह साफ़ झलकता है. दिलीप कुमार इस आशा के युग के सबसे बेहतरीन प्रतिनिधि थे. उन्होंने अपनी फिल्मों के ज़रिये गांव के लोगों, गरीबों-कमज़ोरों और मानवीय मूल्यों के पक्ष में खड़े होने की प्रेरणा दी.
फिल्म समीक्षक और अनुवादक अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि नेहरूवादी मूल्यों की सबसे बड़ी सेवा ये होगी कि हम राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, सहकारिता, समाजवाद, सेकुलरवाद, आत्मनिर्भरता जैसे शब्दों के उस असली अर्थ को वापस ले आएं जो राष्ट्रीय आंदोलन की देन था। फिर उन मूल्यों को समाज में कहानियों और किरदारों के माध्यम से ले जाएं तथा नाटक, कविता, गीत, फिल्म, जन-संस्कृति को राजनीति का हथियार बनाएं, जैसा नेहरूजी ने सिनेमा के साथ किया था।
वरिष्ठ पत्रकार विश्व दीपक ने कहा कि बटवारे के बाद बहुत सारे ऐसे कलाकार भारत आए जो उस सामूहिक त्रासदी से पीड़ित थे. लेकिन उन्होंने अपनी त्रासदियों से उपजे पीड़ा और अनुभव का इस्तेमाल अपनी सृजनात्मकता को देने में किया. जिसके लिए अनुकूल माहौल तय्यार किया नेहरू ने क्योंकि वो निजी स्वतंत्रता के पक्षधर थे. उन्होंने कहा कि ये संयोग नहीं था कि आशा के उस नेहरू वादी युग के तीनों बड़े अभिनेता दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद बटवारे के कारण भारत आए और धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील मूल्यों के वाहक बने।
उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार इस महाद्वीप की साझा कल्पनाओं, उम्मीदों और दुख को जोड़ने वाली शख्सियत थे. असगर मेहंदी ने दिलीप कुमार की निजी और सिनेमाई जीवन के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से निकले मूल्यों पर उनका अटूट विश्वास था.
जन व्यथा निवारण सेल के संयोजक संजय शर्मा ने कहा की दिलीप कुमार ने अपने पेशेवर और समाजिक जीवन से अपने को इस देश के सबसे प्रतिनिधि व्यक्तित्व के बतौर स्थापित किया था. उस दौर की कल्पना उनके बिना नहीं हो सकती. संचालन अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने किया. वेबिनार में अल्पसंख्यक कांग्रेस के वाइस चेयरमैन डॉ श्रेया चौधरी, अख्तर मलिक, महासचिव हुमायूँ मिर्ज़ा, सलीम अहमद, वो पी शर्मा, रफ़त फ़ातिमा, शाहिद खान आदि मौजूद रहे.