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गोवा में सीएम पद को लेकर मची खींचतान, कांग्रेस बीजेपी के बाद निकला तीसरा दावेदार
गोवा बीजेपी अध्यक्ष विनय तेंदुलकर का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि दोपहर दो बजे तक नए सीएम पर फैसला हो जाएगा. दोपहर तीन बजे शपथ ग्रहण होगा. रेस में प्रमोद सावंत सबसे आगे हैं.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी 14 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. कांग्रेस के विधायको ने भी राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलने का समय माँगा है. उधर विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दल भी अब सीएम पद की मांग करने लगे है. फिलहाल गोवा में राजनैतिक संकट बरकरार लग रहा है.
दिल्ली से पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में गठबंधन के सहयोगी दलों और बीजेपी विधायकों की बैठक में आम सहमति से कोई फैसला नहीं हो पाया है.मनोहर पर्रिकर गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें भाजपा के साथ गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल रहे. नितिन गडकरी के साथ बैठक में गठबंधन के सहयोगी दल एमजीपी के विधायक सुदिन धवलीकर ने खुद मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी. मगर बीजेपी चाहती है कि यह पद उसके किसी नेता के पास रहे. सूत्र बता रहे हैं कि इन सब के बीच गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत मुख्यमंत्री बनाए जाने की दौड़ में सबसे आगे नज़र आ रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. वही भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल एमजीपी के विधायक सुदिन धवलिकर ने भी गोवा के अगले मुख्यमंत्री के लिए दावा ठोक दिया हैं. भाजपा का दूसरा सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के मंत्री विजय सरदेसाई ने भी गोवा के नए मुख्यमंत्री के लिए अपने नाम को आगे कर दिया हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपनी पार्टी के नेता के अलावा किसी दूसरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसंद नहीं कर रही हैं.
40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायक हैं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के 3 एमजीपी के 3 निर्दलीय विधायको की संख्या भी 3 हैं और 1 विधायक राकांपा का हैं. दूसरी और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी हैं जिनके पास 14 विधायक हैं. कांग्रेस ने भी गोवा में राज्यपाल से मिलकर राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया हैं. नितिन गडकरी के साथ एक मीटिंग के दौरान सहयोगी दल विधायक सुदिन धावलीकर ने खुद के मुख्यमंत्री का दावेदार बनने की इच्छा जताई. तर्क दिया कि राज्य में बीजेपी को समर्थन देने के लिए उन्होंने कई बार कुर्बानियां दी हैं. हालांकि बीजेपी ने उनकी मांग ठुकरा दी. यह कहना है बीजेपी नेता मिशेल लोबो का.
एक अन्य सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी के मुखिया और मंत्री विजय सरदेसाई भी खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मानते हैं. उन्होंने कहा- हमने भविष्य में गठबंधन सरकार के व्यापक संदर्भों की चर्चा की. हम अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. अभी कुछ कन्फर्म नहीं हुआ है. हमने अपने विकल्प दिए हैं. पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरुरत होगी. यह गोवा में चौथा उपचुनाव होगा. यहां 23 अप्रैल को शिरोडा, मांडरेम और मापुसा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. इन सीटों के लिए उपचुनाव राज्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ होंगे.
राज्य विधायी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा. इसमें समर्थन का पत्र भी होगा." उन्होंने कहा, ''यदि राज्यपाल (मृदुला सिन्हा) आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा.''