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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस अब गुजरात है। लेकिन इस रिपोर्ट में कांग्रेस की बात करेंगे क्योंकि अब तक ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस इस बार गुजरात चुनाव से दूरी बना ली है। यूं कहें, स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के भरोसे पूरा गुजरात छोड़ दिया है लेकिन अब खबर आ रही है कि कांग्रेस के सीनियर नेता आगामी 15 दिनों में कुल 25 मेगा रैली करेगी जो 125 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा। माना जा रहा है कि गुजरात में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी भी कांग्रेस ओर से रैली करेंगे। आपको बता दें कि, राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर महाराष्ट्र में हैं। वह हिमाचल प्रदेश चुनावों में प्रचार करने नहीं पहुंचे थे लेकिन गुजरात में उनके आने की चर्चा तेज है।
कांग्रेस की देरी से आम आदमी पार्टी को फायदा
कहा जाता है कि राजनीति में टाइमिंग बहुत जरूरी है, अगर समय से सही निर्णय नहीं हुआ तो बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ता है।माना जा रहा है कांग्रेस के साथ कुछ ऐसा ही गुजरात में होने वाला है। उधर, पीएम मोदी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन वहीं, अब तक गुजरात में कांग्रेस के कोई बड़े रैली की दूर की बात गुजरात दौरे पर पहुंचे भी नहीं है। हालांकि, दो-तीन दिनों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात दौरे पर नजर आ रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो कांग्रेस का कुछ और ही प्लान है। गुजरात चुनाव में लड़ाई मोदी और राहुल के बीच होती है, जिसमें भाजपा को फायदा होता है। इस स्थिति से बचने राहुल को गुजरात से अलग रखा है। सियासी जानकार बताते है कि कांग्रेस के इस प्लान से ना सिर्फ बीजेपी बल्कि पीएम मोदी परेशान है। परेशानी का आलम कुछ यूं था कि पीएम मोदी को रैली में कांग्रेस के अंदरूनी रणनीति के बारे में बोलना पड़ा। गुजरात की राजनीति से बहुत नजदीक से कवर करने वाले कई पत्रकारों का मानना है कि कांग्रेस का यूं मैदान छोड़ना आम आदमी पार्टी के लिए वरदान साबित होगा। इसलिए जमीन पर बीजेपी और आप के बीच टक्कर दिख रही है,कहा तो ये भी जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को होगा।
कांग्रेस का सीक्रेट प्लान
साल 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी सक्रिय थी, यहां तक कि राहुल गांधी लगातार रैलियां करके बीजोपी को काफी परेशानी में डाल दिया था। हालांकि, बीजेपी गांधी परिवार के सहारे ही चुनाव में फायदा उठाती रही है, इसलिए कांग्रेस ने इस बार रणनीति बदलते हुए राजस्थान मॉडल को सामने रख राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव प्रचार की कमान सौंप रखी है।