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गुजरात : चक्रवात वायु ने बदला रुख,पीएम मोदी ने जाना हाल
अहमदाबाद। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया कि चक्रवात 'वायु' ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब इसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव के चलते राज्य के कई तटीय जिलों में भारी बारिश होगी।गुजरात सरकार ने तटीय जिलों में निचले इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे तीन लाख से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा, ''इसके (चक्रवात वायु के) तट से टकराने की संभावना नहीं है। यह केवल तट के किनारे से गुजरेगा। इसके मार्ग में हल्का बदलाव आया है। लेकिन, इसका प्रभाव वहां होगा, तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी।'' मौसम विज्ञान विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक देवेंद्र प्रधान ने बताया कि चक्रवात समुद्र में रहेगा और गुजरात तट के किनारे-किनारे गुजरेगा।
प्रधान ने कहा, ''इसने थोड़ा सा पश्चिम की तरफ रुख कर लिया है। यह गुजरात तट के किनारे-किनारे गुजरेगा।'' पहले ऐसा पूर्वानुमान था कि चक्रवात बृहस्पतिवार अपराह्न तक गुजरात तट से टकराएगा। मौसम विभाग की अतिरिक्त निदेशक मनोरमा मोहंती ने अहमदाबाद में पत्रकारों से कहा कि चक्रवात की दिशा बदल गई है। उन्होंने कहा, ''अत्यंत भीषण चक्रवात 'वायु' सौराष्ट्र तट पर नहीं टकराएगा, लेकिन यह तट के किनारे से गुजरेगा और गिर सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका जिलों तथा केंद्र शासित क्षेत्र दीव को प्रभावित करेगा।'' मोहंती ने कहा, ''चक्रवात का आंतरिक हिस्सा गुजरात में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन आधा चक्रवात, इसकी बाहरी परिधि राज्य में प्रवेश करेगी।
और तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगी।'' चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने सुबह साढ़े आठ बजे के बुलेटिन में कहा, ''काफी संभावना है कि यह कुछ समय तक उत्तर-उत्तर पश्चिमी दिशा की तरफ चलेगा और फिर उत्तर पश्चिमी दिशा में सौराष्ट्र तट के किनारे से गुजरेगा जिससे गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका प्रभावित होंगे । इस दौरान 135 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो 13 जून को दोपहर बाद 160 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार की हवाओं में तब्दील हो सकती हैं।''
गुजरात सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी ने बिश्केक पर पहुंचने के तुरंत बाद चक्रवात की तैयारियों पर गुजरात के सीएम विजय रूपाणी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और कहा कि चक्रवात के प्रभावों को कम करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से सभी सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया। (फाइल पिक्स)
बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर परिचालन तथा बस और ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। तटरक्षक बल, सेना, नौसेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की लगभग 52 टीम और सेना की 11 टुकड़ी (प्रत्येक टुकड़ी में करीब 70 सैनिक) तैनात की गई हैं। इसके अलावा सेना की 24 टुकड़ी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व रखी गई हैं।